रिपोर्ट विरेन्द्र तोमर बागपत




बागपत/ बडौत / जिले के विभिन्न प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा को व्यापार बना दिया गया है। अभिभावकों का कहना है कि स्कूल संचालक मनमानी फीस वसूल रहे हैं और सरकार की तय गाइडलाइंस को दरकिनार कर बच्चों की पढ़ाई के नाम पर उन्हें आर्थिक बोझ तले दबाया जा रहा है।
कई स्कूलों में दाखिले के समय एडमिशन फीस, बिल्डिंग फीस, डेवलपमेंट फीस जैसे अनगिनत मदों में हजारों रुपये की मांग की जा रही है। वहीं किताबें, यूनिफॉर्म और स्टेशनरी स्कूल द्वारा तय दुकानों से ही खरीदने का दबाव बनाया जाता है, जिनके दाम बाजार से कहीं ज्यादा होते हैं।
एक अभिभावक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “हर साल फीस बढ़ा दी जाती है। जब पूछो तो जवाब मिलता है कि ‘यह स्कूल की पॉलिसी है।'”
शिक्षा विभाग की गाइडलाइंस के बावजूद निजी स्कूलों की इस लूट पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं की जा रही है। अभिभावकों की मांग है कि सरकार सख्ती से स्कूलों की निगरानी करे और एक रेगुलेटरी बॉडी के माध्यम से फीस नियंत्रण का तंत्र बनाए।
अगर यही हाल रहा, तो आम मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एक सपना बनकर रह जाएगी।

