ईस्ट इंडिया टाइम्स रिपोर्ट संजीव कुमार सक्सेना

फर्रूखाबाद।
नगर के मोहल्ला महादेव स्ट्रीट नटराज भवन में आयोजित विचार एवं संगोष्ठी में कला एवं साहित्य और संगीत की त्रिवेणी ओमप्रकाश मिश्र कंचन को याद किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि समाज सेवी संजय गर्ग, राम अवतार शर्मा इन्दु, राम मोहन शुक्ल, डॉ सर्वेश श्रीवास्तव ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यक्रम में लोकजीवन में संगीत का महत्व पर परिचर्चा हुई इसी के साथ युवा बांसुरी वादक रुद्राक्ष पाठक ने बांसुरी वादन की प्रस्तुति कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। वरिष्ठ कवि रामअवतार शर्मा इन्दु ने कहा संगीत जीवन जीने की कला को सिखाता है। संगीत मन को मुग्ध और आत्मा को तृप्त कर देता है। वह मानवीय विकारों को दूर करता है। संगीत जीवन में औषधि का काम करता है। आचार्य कंचन एक श्रेष्ठतम संगीतकार थे वे सभी वाद्य पात्रो को बजाने में निपुण थे। पण्डित लल्लन पिया व हाजी विलायत की खोज उन्होंने की थी। फर्रुखाबाद की ठुमरी औरy फर्रुखाबादी घराना प्रसिद्ध है। कंचन अच्छे साहित्यकार थे। एक चित्रकार एक अच्छे नाटककार थे बांसुरी वादक रुद्राक्ष पाठक ने कहा संगीत मात्र मनोरंजन का साधन नहीं है यह मार्ग साधन से समाधि का है। साकार ब्रह्म अर्थात् सा को धैर्य पूर्वक धारण करने का जिसमें अंतिम स्वर नि अर्थात् निराकार ब्रह्म की प्राप्ति का है। रुद्राक्ष की बांसुरी सुन श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। रुद्राक्ष पाठक को बांसुरी वादन के संगीत साधना से सम्मानित भी किया गया। अध्यक्ष डॉ सर्वेश श्रीवास्तव भी कार्यक्रम में आए सभी लोगो का आभार व्यक्त किया। संचालन गौरव पाण्डेय ने किया। संयोजक दिलीप कश्यप,राममोहन शुक्ला ने व्यवस्था संभाली। प्रियांशु पाण्डेय, विशाल श्रीवास्तव, गुड्डू अग्रवाल, अनुराग दीक्षित, नीरज शर्मा, राहुल वर्मा, संजीव वर्मा, मनोज कश्यप आदि लोग मौजूद रहे।