ईस्ट इंडिया टाइम्स रिपोर्ट आदिल अमान

कायमगंज/फर्रुखाबाद
डॉ भीमराव आंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर संगोष्ठी में वक्ताओं ने उन्हें आधुनिक बुद्ध की संज्ञा दी।
आयोजित गोष्ठी में प्रोफेसर रामबाबू मिश्र रत्नेश ने कहा कि बाबा साहेब आंबेडकर भारतीय संविधान के शिल्पकार, अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विधिवेत्ता, प्रखर राष्ट्रवादी एवं सामाजिक क्रांति के अगुआ थे। आज उनका संविधान अध्ययन और आचरण के बजाय पक्ष विपक्ष के बीच तकरार और प्रदर्शन का विषय बना हुआ है। प्रधानाचार्य शिवकांत शुक्ला, पूर्व प्रधानाचार्य अहिबरन सिंह गौर ने कहा कि संसदीय प्रणाली की सफलता के लिए जिम्मेदार विपक्ष अनिवार्य शर्त है। आज हमारे प्रतिनिधि जन समस्याएं उठाने के बजाय हंगामा करना अधिक पसंद करते हैं। गीतकार पवन बाथम ने कहा कि सामाजिक समरसता स्वाभिमान सद्भाव, जागृति और सुशासन एक राष्ट्र का भाव। कवि अनुपम मिश्रा ने कहा कि बाबा साहब ने दिए जो हमको संदेश। उनके पालन से ही एक रहेगा देश। इस दौरान वीएस तिवारी, शिवकुमार दुबे, अंकित मिश्रा, अजीत सिंह ,सौरभ चतुर्वेदी ,विपिन पाठक आदि ने बिचार रखे।

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