फिरोजाबाद ।

स्थापना दिवस एवं गंगा दशहरा के अवसर पर वैदिक संस्कार जागरण मंच द्वारा रानी वाला कंपाउंड स्थित एल.आई. सी. बिल्डिंग सभागार में एस.आर.के. स्नातकोत्तर महाविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष एवं सुविख्यात कवि प्रो. डॉ. अजिर बिहारी चौबे ने कृष्ण कुमार ‘कनक’ की अठारहवीं कृति “और हारते रहे” का लोकार्पण किया। जिसका शुभारंभ समस्त अतिथियों ने हवन-यज्ञ व माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और पुष्पार्चन के साथ अतिथि सम्मान कर किया।
प्रो. अजिर बिहारी चौबे ने कहा कि, कवि द्वारा इस पुस्तक के सभी गीत पिछले तीन वर्षों में रचित हैं। सभी गीतों में भाव की गंभीरता, शिल्प की शालीनता तथा कथ्य की गहनता उपलब्ध है। उन्होंने 180 पृष्ठों की इस पुस्तक में पृष्ठ क्रमांक 63 पर प्रकाशित गीत “और वह जो आँसुओं में बह रहा है” पढ़कर सुनाया तथा यह भी कहा कि, पुस्तक का शीर्षक “और हारते रहे” यह सिद्ध करता है कि, कवि किसी भी परिस्थिति में स्वयं को हारा हुआ मानकर रुकता नहीं, अपितु निरंतर आगे की ओर बढ़ता रहता है। मुख्य अतिथि जिला उद्योग केंद्र अधिकारी देववृत पांडेय ने कहा कि कनक के सभी गीत जीवन की गहनतम अनुभूतियों की सफलतम परिणति हैं।
वैदिक संस्कार जागरण मंच के संस्थापक सुधीर शर्मा ने कहा कि, कृष्ण कुमार कनक की छठवीं काव्य-कृति “जुगल छवि विसराऊँ कैसे” की भूमिका लिखते समय मैं अनेक गीतों को पढ़ते हुए विरही गोपीयों की तरह रोने को विवश हो जाया करता था। तब कनक की आयु मात्र 23 वर्ष थी , अब वे 37 वर्ष के हो चुके हैं, उसी अनुपात में उनकी रचनाओं में भी प्रोढ़ता आई है। मानस मर्मज्ञ सुशील पेंगोरिया ने कहा कि, कनक के अनेक गीत ठीक वैसी ही स्थिति से उत्पन्न हैं, जैसी स्थिति राम द्वारा न चाहते हुए भी सीता को वन भेजने के निर्णय के बाद हुई थी। उन्होंने एक गीत का उदाहरण भी दिया ‘दो नयन हैं दर्द में डूबे हुए सीता सरीखे, एक मन है राम-सा असहाय तेरे वन गमन पर।’ मंच के उपनिदेशक संजेश नारायण शर्मा ने कहा कनक के गीतों में वही प्रवाह है, जो जयशंकर प्रसाद के गीतों में होता है।
वरिष्ठ शिक्षिका प्रतीक्षा शर्मा ने कहा यद्यपि कनक के गीतों में संस्कृत निष्ठ शब्दावली का प्रयोग हुआ है तथापि यह शब्दावली इन गीतों की मधुरता में कदापि बाधक नहीं है, अपितु कवि के सृजन कौशल की दक्षता का प्रमाण है।
कार्यक्रम के समापन पर मंच के अध्यक्ष मनोज सिकरवार ने सभी सम्मानित अतिथियों का आभार प्रकट किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन फिरोजाबाद सेवा समिति के सचिव असलम भोला ने किया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से पी.के.शर्मा, मनोज दौनेरिया, मुकेश गोस्वामी, राजेश गुप्ता, अर्चना दुबे, शिवम् उपाध्याय, विश्वास शर्मा, संदीप गुप्ता, महाराज सिंह, सतीश गोलस, अजय गुप्ता, सौरभ दोनेरिया, रविंद्र वर्मा, रामजी लाल गुप्ता आदि उपस्थित रहे।