ईस्ट इंडिया टाइम्स रिपोर्ट आदिल अमान

कायमगंज/फर्रुखाबाद
दरगाह हज़रत बाबा जूही शाह पर ज़िक्र ईमाम इमाम हुसैन की महफिल मुनक्किद की गई जिसमें दरगाह के साहिबे सज्जादा हज़रत मुशीर अहमद क़ादरी चिश्ती वारसी ने इमाम हुसैन का ज़िक्र करते हुये कहा कि अहलेबैत नबवी सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम की मोहब्बत अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त ने हर एक मोमिन पर फर्ज़ क़रार दिया है, बल्कि ये तो ईमान का जुज़ है अहलेबैत पाक की मोहब्बत के बग़ैर कोई पहाड़ के बराबर भी इबादत करेगा और वो सोचेगा उसकी इबादत और रियाज़त ख़ुदा की बारगाह मे क़ुबूल होगी, तो ये उसकी भूल है बल्कि ऐसी इबादत जो बुग़्ज़ और इनादे अहले बैत के साथ करेगा उसकी इबादतों और तमाम नेक आमालों को क़यामत मे अल्लाह रब्बे क़ुद्दूस मुँह पर लपेट कर मार देगा इसकी सच्चाई हर मोमिन बख़ूबी जानता है और बहुत से लोगों ने खुदा बनने का दावा किया अपने को नबी बनने का दावा किया लेकिन तारीख गवाह है किसी ने आज तक हुसैन बनने का दावा नही किया क्योंकि हुसैन बनना नामुमकिन है हुसैन बनने के लिये अपने और अपने बच्चों को कुर्बान करना पड़ता है हुसैन की ज़िदिगी वह ज़िदिगी है जिस पर मदनी आक़ा रश्क करते हैं मलाइका रश्क करते है जन्नत रश्क करती है और हम सबको हुसैन के सब्र व कुर्बानी से हमें सीखना होगा कि हुसैन ने हक़ व दीन को बचाने के लिये अपनी जानों को कुर्बान किया तो हयाते अबदी मिल गई फ़ानी दी और जादवानी ज़िदिगी हीसिल की कितना अच्छा सौदा है फ़ानी दो और बाक़ी लो नाकिस दो और कामिल लो अदना दो और आला लो ये सौदा अल्लाह की कर सकता है और फिर ये जान भी तो उसी की दी हुई है हुसैन सब्र के पैकर हैं पूरे के पूरे ख़ानदान को कुर्बान कर दिया लेकिन हक़ के साथ रहे इस लिये हम आज हम सबको हुसैन ने सब्र करना सिखा दिया
अल्लाह हमें हुसैन जैसा सब्र करने वाला बनाये इस मौके पर मुफ्ती मुनीर अहमद नूरी ने तकरीर की सलाम के बाद नज़र और लग़र तकसीम किया गया इस मौके पर हाफ़िज़ रिफ़त,आमिर हुसैन,अल्लाह नूर,डा०ज़रमान अहमद,फ़रज़ान अहमद,ज़मीर अहमद,पवन बाथम,मेराज खान,मसूद खान,हाफिज आज़म खान,तौहीद अहमद,बबलू,शानू,नोमान,धनेश गौड़ हरिओम, आकिल खान,सैयद जमाल,आिल अमान,बब्बन,मुन्ना राजपूत,सनी बाथम,लाल मियाँ,हमज़ा मियां,एड०राहुल सागर आदि शामिल रहे।

By jamal

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