प्रो आर्य का निधन एक युग का अंत_ सुशील वत्स
**बागपत/ बडौत थाना क्षेत्र बिनौली प्रो, बलजीत का निधन एक युग का अंत समाज को ऐसे महान व्यक्तित्व की आवश्यकता प्रो बलजीत सिंह आर्य ने समाज सर्जन के लिए अनेकों वंदनीय कार्य किए है। – शराब बंदी के लिए गांव गांव में जाकर आंदोलन कर लोगों को जागरूक किया। – शिक्षा के क्षेत्र में 60 वर्ष पूर्ण होने पर शिक्षकों ने किया था सम्मानित, अपने 85वे जन्मदिन पर उनके विद्यार्थियों द्वारा भेट की गई 1 लाख रुपए की धनराशि भी उन्होंने चौधरी चरण सिंह समाज सुधार मंच को दान कर एक मिशाल कायम की थी।शिक्षाविद् सुशील वत्स ने बताया कि गुरुकुल स्कूल के संस्थापक प्रो. बलजीत सिंह आर्य ने समाज सृजन के लिए वंदनीय कार्य हैं। उन्होंने हमेशा महर्षि दयानंद की वैदिक विचारधारा को आगे बढ़ाने का कार्य किया है। महान शिक्षाविद प्रो. बलजीत सिंह आर्य ने नशाखोरी, कन्याभ्रूण हत्या, दहेज प्रथा, पेड़ पौधों की रक्षा कर पर्यावरण बचाओ, जल बचाओ व समाज मे फैली कुरीतियों के खिलाफ मुहिम चलाकर समाज को जाग्रत करने का काम किया। ओर युवाओं के उत्तम चरित्र निर्माण के लिए गांव गांव में शिविर लगाएं। उन्होंने ने बताया कि प्रो. आर्य ने शराब बंदी को लेकर हरियाणा में आंदोलन भी चलाया। उन्होंने वर्ष 1968 में स्वामी अग्निवेश, स्वामी इंद्रदेव, रुद्रवेश ओर स्वामी ओमानन्द के साथ मिलकर हरियाणा में शराब बंदी के लिए बड़ा आंदोलन चलाया। इस दौरान उन्होंने जगह जगह धरने प्रदर्शन, महिलाओं और ग्रामीणों को एकत्र कर शराब के ठेकों को बंद कराना, गांव गांव जाकर, सम्मेलन, गोष्ठी, बैठके, जनजागरण पद यात्राएं निकाली ओर हस्ताक्षर अभियान चलाकर सरकार पर दबाव बनाया जिसके कारण बहुत से शराब के ठेके बंद हुए। उन्होंने कहा कि ऐसे महापुरुष के जीवन से हम सबको प्रेरणा लेकर समाज सर्जन के कार्य करने चाहिए।उनके बड़े पुत्र डॉ अनिल आर्य भी अपने पिता की तरह शिक्षा और राजनीति के क्षेत्र में अहम भूमिका निभा रहे हैं वर्तमान में वह रालोद के क्षेत्रीय महासचिव के पद पर है शिक्षा के क्षेत्र में गुरुकुल इंटरनेशनल स्कूल का पूरी निष्ठा के साथ संचालन कर रहे हैं उनके छोटे पुत्र डा, सुनील आर्य भी बडे सरल स्वभाव के है वह शिक्षा के साथ साथ अन्य जिम्मेदारियों का भी निर्वहन करके पिता के नक्शे कदम की और अग्रसर है
Post Comment