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कई वर्ष पहले मेडिकल कॉलेज में बना कोर्डियोलॉजी अस्पताल अभी तक शासन की मेहरबानी का कर रहा इंतजार

कार्डियोलॉजी में नहीं है कोई सुविधाएं, मरीज का कैसे हो दिल का इलाज

ईस्ट इंडिया टाइम्स राजेन्द्र सिंह धुआँधार

कन्नौज। मेडिकल कॉलेज तिर्वा में कार्डियोलॉजी भवन बने कई वर्ष बीत गए, लेकिन अभी मेडिकल कॉलेज के कई विभागों में सुविधाएं न के बराबर हैं। मरीजों को डॉक्टर नहीं मिल पा रहे हैं और मरीजों को लखनऊ, कानपुर की दौड़ लगानी पड़ती है। मेडिकल कॉलेज में इन दिनों सबसे दीनहीन हृदय रोग विभाग है, जहां सिर्फ मेडिसिन ट्रीटमेंट है। जांच अथवा भर्ती होने लायक विशेष सुविधा नहीं है। हृदय रोग से पीड़ित मरीजों की अचानक तबीयत बिगड़ने पर मेडिकल कॉलेज में कोई व्यवस्था नहीं है। मरीजों को गैरजनपद की दौड़ लगानी पड़ती है। समय से न पहुंच पाने पर ज्यादातर मरीज रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं। खास बात तो यह है कि मेडिकल कॉलेज में न्यूरो का कोई विभाग ही नहीं तो डॉक्टर की नियुक्ति कैसे हो जाए। वहीं, मेडिकल कॉलेज में बना कोर्डियोलॉजी अस्पताल शासन की मेहरबानी का इंतजार कर रहा है।आसपास क्षेत्र समेत जनपद के दिल के मरीजों के लिए वर्ष 2018 में डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर राजकीय चिकित्सा विद्यालय के परिसर में 125 बेड का कॉर्डियोलॉजी हॉस्पिटल का निर्माण कराया गया था। शासन की अनदेखी के चलते हॉस्पिटल का भवन शोपीस बना हुआ है। वहीं, मेडिकल कॉलेज में न्यूरो का डॉक्टर समेत विभाग ही नहीं है। सरकार की स्वास्थ्य की बेहतर सुविधाएं देने का संकल्प केवल कागजों में ही दौड़ रहा है। हॉस्पिटल को संचालित करने के लिए 338 पदों को सृजित किया गया था। पदों की भर्ती को लेकर मेडिकल कॉलेज प्रशासन कई बार शासन को प्रस्ताव बनाकर भेज चुका है, लेकिन शासन की अनदेखी के चलते प्रस्ताव हवा हवाई साबित हो रहे हैं। प्राचार्य डॉ. सीपी पाल ने बताया कि प्रयास चल रहा है कि मेडिकल कॉलेज में न्यूरो विभाग के डॉक्टर की नियुक्ति की जाए। कार्डियोलॉजी अस्पताल के संचालन को लेकर सृजित पदों पर नियुक्ति को लेकर शासन को प्रस्ताव बनाकर भेज चुके हैं।

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