ईस्ट इंडिया टाइम्स ब्यूरोचीफ ताहिर कुरेशी

मथुरा 25 दिसंबर भारत रत्न माननीय पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिवस के अवसर पर पूरे देश में सुशासन सप्ताह कार्यक्रम चलाया जा रहा है, उसी के क्रम में प्रशासन गांव की ओर कार्यक्रम चल रहा है। आज सुशासन सप्ताह के अंतिम दिवस पर कलेक्ट्रेट सभागार में लोक भवन लखनऊ में आयोजित ‘भारत रत्न’ अटल बिहारी वाजपेयी जी के जन्म दिन समारोह में ‘उत्तर प्रदेश में सुशासन’ विषयक संगोष्ठी का शुभारंभ करते माननीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जी एवं माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के लाइव कार्यक्रम का माननीय विधायक बल्देव पूरन प्रकाश जी एवं जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह जी ने देखा।विधायक बल्देव पूरन प्रकाश जी एवं जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह जी द्वारा ‘भारत रत्न’ अटल बिहारी वाजपेयी जी के चित्र पर श्रद्धापूर्वक माल्यार्पण कर नमन किया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी दूरगामी सोच रखने वाले महापुरूष थे। वे भारत के पहले ऐसे प्रधानमंत्री थे जिन्होने यूनाइटेड स्टेट में आयोजित कार्यक्रम में हिन्दी में भाषण दिया और हिन्दी भाषा का मान बढ़ाने का संदेश दिया। उन्होंने भारत में परमाणु परीक्षण करायें, कारगिल के युद्ध के दौरान भी वे प्रधानमंत्री रहे, जिनके निर्देशन के चलते हमारे जवानों ने युद्ध भी जीता। हम सभी को उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए और उनके व्यक्तित्व को आत्मसात करना चाहिए, जिससे हम एक दिन उनके जैसे बन पाएंगे और एक दिन भारत का नेतृत्व करेंगे। अटल जी ने संसद में कहा था कि पार्टी आयेंगी—जायेंगी, लोग आयेंगे जायेंगे लेकिन अपने राष्ट्र को अजर—अमर बनाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए, हम सभी इसके लिए संकल्पबद्ध होना चाहिए।
भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी के जन्मोदिवस पर 19 से 25 तक सुशासन सप्ताह चलाया गया जिसका आज अंतिम दिवस है। सुशासन सप्ताह के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम कराये गये। इसका मुख्य उद्देश्य यह था कि हम लाभार्थियों और शिकायतकर्ताओं तक पहुंचे और उनकी समस्या का निराकरण करायें। इसके लिए प्रशासन गांव की ओर कार्यक्रम के मद्देनज़र अपर सचिव भारत सरकार द्वारा गांवों का भ्रमण व पार्थियों, लाभार्थियों और शिकायतकर्ताओं से वार्ता भी की गई और मौके पर कई शिकायतों का निस्तारण भी कराया गया। इसके साथ अन्य कार्यक्रम आयोजित कराऐं गये। कहा कि सुशासन सप्ताह सिर्फ सुशासन सप्ताह तक ही सिमित ना रहे इसके लिए हमें अपने आप में बदलाव करना चाहिए और अपने समय में कुछ समय निकालकर हर शिकायत का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करना चाहिए। अपने स्तर पर किसी भी कार्य को लम्बित नहीं रखना चाहिए और मेज के इस पार और उस पार की भावना को समाप्त करना चाहिए। जब हम अपने दायित्वों का पूर्ण जिम्मेदारी के साथ निर्वहन करेगें और जागरूक होकर अपने अधिकार प्राप्त करेंगे, तो उस दिन से हर दिवस सुशासन दिवस होगा।

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