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धार्मिक कार्यों से ही शांति मिलती है-आर्यिका 105 सुज्ञानमती माता जी

रिपोर्ट सुदेश वर्मा

बागपत/ बडौत / अतिशय क्षेत्र ऋषि मुनियों की तपस्थली बरनावा के अतिश्यकारी 1008 श्री चंद्रप्रभ भगवान के महामस्तकभिषेक का अभिषेक समस्त भारत के जैन समाज द्वारा अभिषेक कर अपने-अपने पापों का प्राचल कर सभी अपने आप को धन्य महसूस करते हैं , विशाल मेले में आचार्य श्री 108 शांति सागर जी महाराज छानी परंपरा के आचार्य श्री 108 ज्ञान सागर जी महाराज की शिष्य के सागर जी द्वारा दीक्षित आर्यिका 105
सुज्ञानमती माताजी आर्यिका 105 दयामती माताजी क्षुल्लिका 105 अक्षत मति माताजी के पावन सानिध्य प्राप्त कर बरनावा के विगत 14 माह के इतिहास में प्रथम बार संतों का समागम मेरठ बागपत की आंचल समाज को प्राप्त हुआ है सभी लोगों ने आगामी 6 मार्च को भगवान श्री चंद्र प्रभु का मोक्ष कल्याणक मनाने के लिए सभी संकट हुए हैं वार्षिक रथ यात्रा महोत्सव बड़े प्रभावपूर्ण ढंग से मनाने का संकल्प बरनावा की समस्त समाज के द्वारा लिया गया है और आप सभी प्रातः काल की बेला शरीर को नहलाते हैं शरीर की कुछ गंदगी को साफ करते हैं जब जल हमारे शरीर ऊपरी गंदगी मल को प्रचलित कर सकता है तो श्री भगवान भक्ति का क्या कर्मल का प्रक्षालन नहीं करती है अर्थात अवश्य ही करती है जो जिनेंद्र भगवान की भक्ति करता है उसको सुंदर रूप की कामदेव की सहायतास बलशाली वैभव को प्राप्त होता है संसार के सभी कार्य संसार की सुख सुविधा दे सकते हैं परंतु इनमें भी दुख कलेश अशांति समायोजित रहती है परंतु भगवान की भक्ति से मुक्ति की प्राप्ति होती है वह सुख कभी विनाश को प्राप्त नहीं होता है चंद्रप्रभु भगवान का रूप अनेक लोगों के द्वारा अतिशय देखा गया है जमीनी स्तर पर रहने वाले भव्य जीव आकाश की ऊंचाइयों को प्राप्त कर रहे हैं सभी महानुभाव एक भारतीय से कार्य चंद्र प्रभु भगवान के दर्शनों का लाभ लेकर कर्मों का प्रक्षालन कीजिए यही वास्तविक सुख का मार्ग है अभिषेक बृजेश जैन सागर जैन ( राष्ट्रीय सहारा) मेरठ, एवं प्रथम शांतिधारा अनिल जैन तरुण जैन अरुण जैन दिल्ली
द्वितीय शांतिधारा अतुल जैन श्रीमती वंदना जैन संयम जैन अभय जैन सरिता विहार दिल्ली
महाआरती लोकेश जैन नितिन जैन पश्चिम विहार दिल्ली
परिमर्जन श्रीमती लता जैन, आनंद जैन ,मुकुल जैन ,नमन जैन ,आदि ने भाग लिया।

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