मोना केस में हाईकोर्ट का फैसला आरोपी बाबा-बेटे की याचिका खारिज, कोर्ट में किया सरेंडर
ईस्ट इंडिया टाइम्स रिपोर्ट सुधीर सिंह

कायमगंज/ फर्रुखाबाद
कोतवाली कायमगंज के मोहल्ला नुनहाई में डेढ़ माह पहले लापता हुई 15 वर्षीय मोना के मामले में हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने आरोपी बाबा और अन्य की एफआईआर निरस्त करने की याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि घटनास्थल पर मौजूद न होना अपराध में शामिल न होने का प्रमाण नहीं है। याचिका खारिज होने के बाद पिता-पुत्र ने फतेहगढ़ कोर्ट में समर्पण कर दिया। दोनों को जेल भेज दिया गया है।
आरोपियों ने अपनी याचिका में कहा था कि घटना के समय मोना घर में अकेली थी। जब बाबा घर पहुंचा तो दरवाजा अंदर से बंद था। उन्होंने अपने बेटे विजय को बुलाया, जो पड़ोसी की छत से घर में गया। वहां मोना बेसुध मिली और उसकी मृत्यु हो चुकी थी। आरोपियों का दावा था कि मृतका के शरीर पर कोई चोट के निशान नहीं थे। उन्होंने यह मानकर कि मृत्यु स्वाभाविक थी, शव को गंगा में प्रवाहित कर अंतिम संस्कार कर दिया। प्रभारी निरीक्षक अनुराग मिश्रा ने बताया कि पुलिस ने आरोपियों की रिमांड के लिए कोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने कहा कि रिमांड मिलने पर घटना की गहराई से जांच की जाएगी।
Post Comment