ईस्ट इंडिया टाइम्स रिपोर्ट सुनील कुमार



बच्चों की सुरक्षा को लेकर परिवहन विभाग द्वारा चलाए जा रहे विशेष सघन चेकिंग अभियान के तहत आज बृहस्पतिवार को एक बड़ा खुलासा हुआ है। असैनी मोड़ स्थित लखनऊ पब्लिक स्कूल (LPS) के वाहनों की जांच में गंभीर अनियमितताएं पाई गई, जिसके बाद तीन वाहनों को सीज कर दिया गया है। यह कार्रवाई स्कूल प्रबंधन द्वारा बच्चों की सुरक्षा से हो रहे खिलवाड़ को उजागर करती है।सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन/प्रवर्तन) अंकिता शुक्ला, यात्री/मालकर अधिकारी रविचन्द्र त्यागी, संभागीय निरीक्षक प्राविधिक बलवंत सिंह यादव और यातायात प्रभारी रामयतन यादव की संयुक्त टीम ने आज एलपीएस परिसर में खड़ी स्कूली वाहनों की गहनता से जांच की।
जांच के दौरान, टीम ने पाया कि कई वाहन बिना फिटनेस के चल रहे थे और उनके दस्तावेज भी अधूरे थे। सबसे गंभीर बात यह थी कि कुछ बसों में क्षमता से अधिक बच्चे बैठाए गए थे, जो सीधे तौर पर बच्चों की सुरक्षा को खतरे में डाल रहा था एआरटीओ श्रीमती शुक्ला और संभागीय निरीक्षक प्राविधिक यादव ने एलपीएस परिसर में खड़ी दो अनफिट वाहनों सहित एक अनाधिकृत रूप से संचालित प्राइवेट वाहन को मोहम्मदपुर पुलिस चौकी में निरुद्ध कर दिया। इसके अतिरिक्त, एक बस में क्षमता से अधिक बच्चे पाए जाने पर विद्यालय प्रबंधन को सख्त चेतावनी दी गई और बच्चों को दूसरे सुरक्षित वाहन से उनके गंतव्य तक भेजा गया।परिवहन विभाग की इस कार्रवाई ने एक बार फिर नामी स्कूलों के स्कूली वाहनों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी और बच्चों की जान को जोखिम में डालने वाले लापरवाह रवैये को उजागर किया है। हालांकि अभियान के दौरान परिवहन विभाग ने यह साफ कर दिया है कि बच्चों की सुरक्षा से किसी भी तरह का समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।एआरटीओ श्रीमती शुक्ला और संभागीय निरीक्षक प्राविधिक यादव ने एलपीएस परिसर में खड़ी दो अनफिट वाहनों सहित एक अनाधिकृत रूप से संचालित प्राइवेट वाहन को मोहम्मदपुर पुलिस चौकी में निरुद्ध कर दिया। इसके अतिरिक्त, एक बस में क्षमता से अधिक बच्चे पाए जाने पर विद्यालय प्रबंधन को सख्त चेतावनी दी गई और बच्चों को दूसरे सुरक्षित वाहन से उनके गंतव्य तक भेजा गया।परिवहन विभाग की इस कार्रवाई ने एक बार फिर नामी स्कूलों के स्कूली वाहनों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी और बच्चों की जान को जोखिम में डालने वाले लापरवाह रवैये को उजागर किया है। हालांकि अभियान के दौरान परिवहन विभाग ने यह साफ कर दिया है कि बच्चों की सुरक्षा से किसी भी तरह का समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।