रिपोर्ट विरेन्द्र तोमर बागपत

बागपत/बागपत जनपद न्यायालय में “राष्ट्र के लिए मध्यस्थता अभियान” की शुरुआत कर दी गई है। यह अभियान 1 जुलाई से 30 सितंबर 2025 तक चलेगा, जिसका उद्देश्य आमजन को सस्ता, सुलभ और त्वरित न्याय उपलब्ध कराना है। यह पहल राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशन में संचालित की जा रही है। जनपद न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार-III के मार्गदर्शन में चल रहे इस अभियान में न्यायालयों में लंबित मामलों का आपसी सुलह और समझौते के माध्यम से समाधान किया जाएगा।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव श्रीमती शबिस्ताँ आकिल ने जानकारी देते हुए बताया कि इस अभियान के तहत दीवानी वाद, चेक बाउंस, मोटर दुर्घटना दावा, श्रम विवाद, वैवाहिक विवाद (विवाह विच्छेद को छोड़कर), भूमि अधिग्रहण, पेंशन, किरायेदारी जैसे मामलों का निस्तारण किया जा रहा है। साथ ही न्यायालय में दाखिल होने से पहले के विवादों (प्री-लिटिगेशन) को भी सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि यह प्रक्रिया निशुल्क, गोपनीय तथा पूर्णतः पक्षकारों की सहमति पर आधारित होती है। अगर सुलह नहीं होती, तो मामला पूर्ववत न्यायालय में चलता रहता है। मध्यस्थता के माध्यम से न सिर्फ समय और धन की बचत होती है, बल्कि पक्षकारों के बीच आपसी रिश्तों में भी सुधार आता है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा यह अभियान जनपद एवं तहसील स्तर पर सातों दिन संचालित किया जा रहा है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभ मिल सके। अभियान से जुड़ने के लिए टोल फ्री नंबर 18004190234 या 15100 पर संपर्क किया जा सकता है।
यह अभियान न्याय प्रणाली के बोझ को कम करने के साथ-साथ समाज में सौहार्द और समाधान की संस्कृति को बढ़ावा देने का प्रयास है। वर्षों से लंबित मामलों में उलझे लोगों के लिए यह एक नया अवसर है, जिसमें संवाद और समझौते के माध्यम से न्याय प्राप्त किया जा सकता है।