स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में पीएसआई इंडिया व केनव्यू के सहयोग से आयोजित हुआ कार्यक्रम

फिरोजाबाद, 05 अगस्त। विश्व स्तनपान सप्ताह (01-07 अगस्त) के तहत मंगलवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एका में जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में पापुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल इंडिया (पीएसआई इंडिया) और केनव्यू के सहयोग से आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में बड़ी संख्या में एएनएम और आशा कार्यकर्ता उपस्थित रहीं।
इस मौके पर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सतेन्द्र कुमार ने कहा कि शिशुओं के लिए मां का दूध अमृत के समान होता है। बच्चे को जन्म के पहले घंटे में मां का पहला पीला गाढ़ा दूध बीमारियों से लड़ने की ताकत देता है, इसीलिए उसे पहला जीवनरक्षक टीका भी कहा जाता है। इस अहमियत को स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और देखभाल करने वालों को अच्छी तरह समझना चाहिए और प्रसूता की इसमें मदद करें कि जितना जल्दी हो सके वह प्रसव के बाद बच्चे को स्तनपान कराना शुरू करें और छह माह वह बच्चे को सिर्फ और सिर्फ स्तनपान कराएँ। स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए ही हर साल एक से सात अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाता है। स्तनपान से जहाँ एक ओर शिशु और माँ में लगाव बढ़ता है वहीँ माताओं में स्तन कैंसर का जोखिम भी कम होता है।
डॉ. सतेन्द्र कुमार का कहना है कि स्तनपान बच्चे का मौलिक अधिकार भी है। यह बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास में सहायक बनने के साथ ही डायरिया और निमोनिया जैसी संक्रामक बीमारियों के जोखिम को दूर करता है। छह माह का होने तक बच्चे को सिर्फ मां का दूध ही पिलाना जरूरी है क्योंकि बाहर का पेय या खाद्य पदार्थ देने से संक्रमण का जोखिम बना रहता है। मां के दूध में शिशु के लिए पौष्टिक तत्वों के साथ पर्याप्त पानी भी होता है, इसलिए गर्मियों में पानी देने से भी बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि केवल मां का दूध पी रहा बच्चा 24 घंटे में आठ बार पेशाब कर रहा है और स्तनपान के बाद कम से कम दो घंटे की नींद ले रहा है और बच्चे का वजन हर माह करीब 500 ग्राम बढ़ रहा है तो समझना चाहिए कि बच्चे को मां का पर्याप्त दूध मिल रहा है। मां या बच्चे की बीमारी की स्थिति में भी सावधानीपूर्वक स्तनपान जारी रखना चाहिए।
इस मौके पर पीएसआई इंडिया से राजेश कुमार प्रजापति, कैफूल हसन, बीसीपीएम शैला, बीपीएम भूपेंद्र और अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित रहे।