सिंगरौली,

मोरवा गोरबी चौकी क्षेत्र में एंबुलेंस ड्राइवर से 30 हजार रुपये की अवैध वसूली के लिए मारपीट व जान से मारने की धमकी देने वाले आरोपी आशीष द्विवेदी को मोरवा पुलिस ने आखिरकार गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर दिया। लेकिन गिरफ्तारी के दौरान का नजारा ऐसा था, जिसने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए।आरोपी आशीष द्विवेदी गिरफ्तारी के समय न तो शर्मिंदा दिखा, न ही भयभीत। बल्कि वह मुस्कुराता रहा और पुलिस ने उसके हाथों में हथकड़ी तक नहीं डाली। जिस गंभीर अपराध के लिए उसे पकड़ा गया, उसमें आम नागरिक या निम्न वर्ग का होता तो पुलिस सख्ती दिखाती है, लेकिन उच्च वर्ग के होने के नाते यहां आरोपी पर नरमी और मेहरबानी साफ झलक रही है क्या अब पुलिस भी जातंक के आतंक में घिर चुकी है।
प्राप्त जानकारी अनुसार विगत माह 30 अगस्त को फरियादी एनसीएल कॉलोनी क्वार्टर नंबर एमक्यू 380 निवासी धर्मेंद्र कुमार यादव पिता स्वर्गीय बाबूलाल यादव उम्र 36 वर्ष ने गोरबी चौकी में रिपोर्ट दर्ज कराई कि दिनांक 29 अगस्त की शाम आशीष द्विवेदी नामक व्यक्ति उसके घर के बाहर आया। जिसने कहा की 27 अगस्त की शाम तुमने एनसीएल की एंबुलेंस को परेवा नाला के पास रोड से उतार दिया था। उस समय एंबुलेंस का वीडियो मैंने बनाया है। जिसकी एवज में मुझे 30 हजार रुपये दो नहीं तो मैं इस वीडियो को वायरल कर तुम्हारी शिकायत कर दूंगा। इस पर आशीष की धमकी से बिना डरे धर्मेंद्र कुमार यादव ने पैसे देने से मना किया तो आशीष ने उसे गाली गलौज करते हुए उसके साथ मारपीट की, वहीं आगे उसे जान से मारने की धमकी भी दे डाली।
इस मामले में सिंगरौली पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री के निर्देशन एवं एसडीओपी गौरव कुमार पांडे के मार्गदर्शन व मोरवा निरीक्षक उमेश प्रताप सिंह की सतत निगरानी में चौकी प्रभारी गोरबी उपनिरीक्षक रुद्र प्रताप सिंह द्वारा पीड़ित की तहरीर पर अपराध क्रमांक 109/25 धारा 296, 115(2), 351(2), 119(1) बीएनएस कायम कर विवेचना में लिया गया। तत्पश्चात बीते दिन शनिवार शाम मुखबिर की सूचना के आधार पर आरोपी आशीष द्विवेदी निवासी पड़री चौकी गोरबी को गिरफ्तार कर रविवार को न्यायालय में पेश किया गया है, जहां से उसे जिला जेल पचोर भेज दिया गया।
उक्त कार्यवाही में चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक रुद्र प्रताप सिंह के साथ सहायक उपनिरीक्षक पिंटू राय, उमेश अग्निहोत्री, प्रधान आरक्षक कुलदीप सिंह एवं अजीत सिंह की अहम भूमिका रही।