** ईस्ट इंडिया टाइम्स रिपोर्ट आदिल अमान कायमगंज/फर्रुखाबाद महर्षि वाल्मीकि, तथागत बुद्ध जयंती पर वक्ताओं ने विचार रखे।विश्व बंधु परिषद द्वारा महर्षि वाल्मीकि एवं तथागत बुद्ध की जयंती पर आयोजित संयुक्त परिचर्चा में वक्ताओं ने दोनों महापुरुषों को भारतीय वैदिक सनातन संस्कृति का ध्वजवाहक बताया। प्रोफे. रामबाबू मिश्र रत्नेश ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम को शाश्वत लोकनायक सिद्ध करके विश्व कल्याण का महामंत्र दिया। वहीं तथागत बुद्ध ने स्वर्ग नरक, आत्मा परमात्मा , पूजा परिक्रमा, शास्त्र व परंपरा का निषेध किया और मानव मात्र को विवेक सम्मत जीवन जीने का संदेश दिया। समाजशास्त्री डॉक्टर सुनीत सिद्धार्थ ने कहा कि सामाजिक समरसता का रास्ता तथागत बुद्ध के उपदेशों के अनुपालन से ही संभव है। पूर्व प्रवक्ता संत गोपाल पाठक ने कहा कि आज तथागत बुद्ध को मानने वाले बहुत हैं लेकिन तथागत बुद्ध की मानने वाले बहुत कम है। युवा कवि अनुपम मिश्रा ने कहा कि जड़ता नफरत हिंसा अंदर बाहर युद्ध। इनसे बचने का हमें मंत्र दे गए बुद्ध।। गीतकार पवन बाथम व वीएस तिवारी आदि ने अपने विचार व्यक्त किये।

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