रिपोर्ट वीरेंद्र तोमर बागपत

बागपत/ बड़ौत /बिनौली /बरनावा गांव में पर्यूषण पर्व के पावन अवसर पर अतिशय क्षेत्र बरनावा में चल रहा 41 दिवसीय शांतिविधान शनिवार को बड़े ही भक्तिभाव और विधि-विधान के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर रविवार 14 सितंबर को यहां भव्य विश्व शांति महायज्ञ एवं वार्षिक रथोत्सव का आयोजन होगा, जिसमें दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा सहित देश के अनेक प्रांतों से हजारों श्रावक-श्राविकाएं भाग लेंगे। धार्मिक कार्यक्रमों के साथ बच्चों और युवाओं द्वारा धार्मिक व देशभक्ति गीतों पर आधारित राज्य स्तरीय नृत्य प्रतियोगिता भी आकर्षण का केंद्र रहेगा समापन अवसर पर चतुर्थकालीन अतिशयकारी श्री चंद्रप्रभ भगवान का अभिषेक, शांतिधारा, नवदेवता पूजन एवं बाहुबली भगवान की आराधना की गई। शांतिविधान के 41वें दिन 120 महाअर्घ समर्पित किए गए। चंद्रप्रभ भगवान की शांतिधारा का सौभाग्य दिल्ली अशोक विहार निवासी श्री अमित जैन एवं अनन्तवीर जैन को प्राप्त हुआ।इस अवसर पर पंडित प्रदीप पीयूष शास्त्री ने अपने प्रवचन में कहा कि भगवान ऋषभदेव की दिव्य वाणी अद्वितीय है, जो बिना किसी प्रयास और इच्छा के स्वतः प्रवाहित होती है। यह वाणी पर्वत गुफा से गूंजती आवाज़ की भांति धर्म तत्वों का स्पष्ट विवेचन करती है। उन्होंने कहा कि भगवान ऋषभदेव के समवशरण में राजा भरत, वृषभदेव, युवराज श्रेयांश सहित अनेक महापुरुषों ने जिन दीक्षा ग्रहण कर जीवन को आध्यात्मिक मार्ग पर अग्रसर किया। उन्होंने कहा कि दिव्य वाणी के माध्यम से वृषभसेन गंधर ने धर्म का स्वरूप—सम्यक दर्शन, सम्यक ज्ञान और सम्यक चरित्र—का विस्तार से वर्णन किया। जब तक जीव भौतिक पदार्थों में उलझा रहता है, वह आत्मिक आनंद का अनुभव नहीं कर सकता। इसके लिए मोह त्याग, तपस्या, इंद्रियों पर नियंत्रण और आत्मज्ञान की दृढ़ साधना आवश्यक है। आयोजन में समिति अध्यक्ष श्री जीवंधर जैन, महामंत्री पंकज जैन, रजनीश जैन, विनेश जैन, पवन जैन, बॉबी जैन, हिमांशु जैन सहित श्रीमती बादामी बाई जैन, श्रीमती सुनीता जैन और प्रभा जैन की सक्रिय भूमिका रही। समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि रविवार को निकलने वाले वार्षिक रथोत्सव में हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल होंगे और नगर में भक्ति, शांति एवं सौहार्द का वातावरण देखने को मिलेगा।