रिपोर्ट
राजेन्द्र सिंह धुऑंधार

कन्नौज। भूटान की राजधानी थिंपू में 12 से 17 सितंबर तक आयोजित भूटान-भारत साहित्य महोत्सव में कन्नौज के सुपुत्र संग्राम सिंह ने अपनी वीरगाथात्मक ओजपूर्ण वाणी से आल्हा गायन प्रस्तुत कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत और कन्नौज का नाम रोशन किया। इस मंच पर उन्हें भारत-भूटान मैत्री अवार्ड से सम्मानित किया गया।संग्राम सिंह ने आल्हा गायन के माध्यम से महोबा के वीर योद्धाओं आल्हा-उदल की शौर्य गाथा का ऐसा जीवंत चित्रण किया कि भारत सहित अन्य देशों से आए कलाकार और दर्शक मंत्रमुग्ध हो उठे। उन्होंने बताया कि उनके आदर्श और गुरु उनके पिता जगबीर सिंह हैं, जिनसे प्रेरित होकर उन्होंने इस विधा को अपनाया।भूटान से वापसी पर कन्नौज में संग्राम सिंह का जगह-जगह भव्य स्वागत किया गया। हजारों की तादाद में मौजूद लोगों ने फूल-मालाओं से उनका अभिनंदन किया और ‘अंतरराष्ट्रीय आल्हा सम्राट’ के नाम से सम्मानित किया। संग्राम सिंह ने कहा कि कन्नौज की धरती कला और संस्कृति की अनमोल धरोहर रही है। इसी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने माता फूलमती के आशीर्वाद और पिता जगबीर सिंह के सहयोग से माता फूलमती आल्हा मंडल एवं सांस्कृतिक कला केंद्र की स्थापना कानून गोयान में की है। यहां दर्जनों स्थानीय प्रतिभाओं को आल्हा सहित विभिन्न लोक साहित्य विधाओं में प्रशिक्षित किया जाएगा, ताकि आने वाले समय में कन्नौज का नाम देश-विदेश में और ऊंचाई तक पहुंचे।