गूगल से प्रेरित पिलाना का श्री नेहरू इंटर कॉलेज बना मिसाल

रिपोर्ट विरेंद्र तोमर बागपत

बागपत/ बागपत जनपद के श्री नेहरू इंटर कॉलेज, पिलाना ने शिक्षा जगत में एक अनूठी पहल कर नई पहचान बनाई है। कॉलेज प्रबंधन ने सत्र 2024-25 से विद्यार्थियों के तनाव को कम करने और उनकी रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए समय सारिणी में आठवाँ पीरियड “हॉबी पीरियड” जोड़ा है। इस कदम से विद्यालय परिसर का माहौल अब पढ़ाई के साथ-साथ खुशियों और रचनात्मक गतिविधियों से भी सराबोर रहता है। प्रधानाचार्य डॉ. सत्यवीर सिंह ने बताया कि इस प्रयोग की प्रेरणा विश्व प्रसिद्ध गूगल कंपनी के “20 प्रतिशत टाइम” मॉडल से ली गई है। जिस तरह गूगल अपने कर्मचारियों को सप्ताह का कुछ समय उनकी पसंद के रचनात्मक कार्यों के लिए देता है, उसी प्रकार कॉलेज में विद्यार्थियों को प्रतिदिन अंतिम पीरियड में अपनी रुचि के अनुसार कार्य करने की स्वतंत्रता दी गई है।
हॉबी पीरियड के दौरान विद्यालय का माहौल पूरी तरह बदल जाता है। कोई छात्र खेल के मैदान में दौड़कर अपनी ऊर्जा बाहर निकालता है, तो कोई मंच पर गाकर सुरों का जादू बिखेरता है। कोई पेंटिंग और शिल्पकला में रंग भरता है, तो कोई कविता और कहानियों के ज़रिए अपनी कल्पनाओं को आकार देता है। शिक्षक भी इस दौरान विद्यार्थियों के साथ रहते हैं और उनकी प्रतिभा को निखारने के लिए मार्गदर्शन करते हैं।
विद्यार्थियों का कहना है कि हॉबी पीरियड ने उन्हें पढ़ाई और परीक्षा के दबाव से राहत दी है। वे अब अधिक सक्रिय, खुश और आत्मविश्वासी महसूस करते हैं। अध्यापकों का मानना है कि इस पहल से बच्चों की छिपी हुई क्षमताओं की पहचान हो रही है और उन्हें आगे बढ़ाने का अवसर मिल रहा है। फिनलैंड के हंड्रेड संस्थान के नवाचार विशेषज्ञ अमन कुमार ने बताया कि पिलाना कॉलेज की यह पहल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हंड्रेड के नवाचारों की सूची में शामिल हो सकती है। इसके लिए कॉलेज प्रबंधन की इस गतिविधि का संकलन कर ऑनलाइन नॉमिनेशन भेजा जाएगा।
अभिभावकों और प्रबंधन समिति ने भी विद्यालय की इस पहल की सराहना की है। उनका कहना है कि हॉबी पीरियड विद्यार्थियों के तनाव को कम करने, टीम भावना विकसित करने और शिक्षा को अधिक रोचक बनाने में मील का पत्थर साबित होगा।
प्रधानाचार्य डॉ. सत्यवीर सिंह ने बताया कि इस मॉडल को और सशक्त बनाया जाएगा तथा बच्चों को जिला और राज्य स्तर के मंचों पर अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर भी प्रदान किया जाएगा। निस्संदेह, श्री नेहरू इंटर कॉलेज, पिलाना का यह प्रयोग शिक्षा जगत के लिए प्रेरक उदाहरण है। यदि अन्य विद्यालय भी इस मॉडल को अपनाएँ, तो शिक्षा और अधिक जीवंत, सार्थक और विद्यार्थियों के लिए आनंददायक बन सकती है।

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