आजमगढ़/

न्यायालय प्रधान न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय प्रथम आजमगढ़ में लंबित परिवाद मु0न0 21/2016 अन्तर्गत धारा128 दंड प्रक्रिया संहिता व 144 BNSS भरण पोषण हेतु सविस्ता बनाम आलम में विचारण के दौरान भरण पोषण हेतु अभियुक्त मो0 आलम पुत्र अबुल कैश निवासी मोहम्मदपुर थाना गम्भीरपुर जनपद आजमगढ़ को आदेशित किया गया था। परन्तु अभियुक्त उपरोक्त बादस्तूर न्यायालय के आदेश का उल्लंघन कर रहा था, जिस क्रम में वसूली वारंट दिनांक 22/008/25 को एक पक्षीय आदेश के क्रम में निर्गत किया गया था। जिसके अनुपालन में थाना गंभीरपुर की मिशन शक्ति टीम द्वारा उक्त अभियुक्त को पकड़ कर माननीय न्यायालय में प्रभावी पैरवी कराते हुये पीड़िता को माननीय न्यायालय द्वारा निर्धारित धनराशि दिलायी गयी।
उल्लेखनीय है कि अवेदिका की शादी दिनांक- 20/12/2013 को हुयी थी, उसका विवाद दिनांक- 02/03/14 से चल रहा है। उसका एक 11 वर्ष का बच्चा भी है। विवाद से परेशान होकर उसके द्वारा माननीय न्यायालय में 03/04/2014 को वाद योजित किया गया था।
विचारण के क्रम में माननीय परिवार न्यायालय आजमगढ़ द्वारा निर्वाह भत्ता दिलाने हेतु आरोपी उपरोक्त से वसूली कर आवेदिका को दिलाये जाने हेतु मा0 न्यायालय द्वारा वसूली वारंट निर्गत किया गया था।
आवेदिका सविस्ता उपरोक्त द्वारा मा0 न्यायालय निरन्तर जाकर उक्त धनराशि प्राप्त करने हेतु पैरवी की जा रही थी। उक्त वसूली वारंट के निष्पादन के क्रम में थाना गम्भीपुर पर नियुक्त उ0नि0 रामाश्रय प्रसाद व महिला हेल्प व मिशन शक्ति केन्द्र गम्भीरपुर की संयुक्त टीम द्वारा अपने अथक प्रयास एवं पूर्ण मनोयोग से तत्परता दिखाते हुए मा0 न्यायालय के आदेश का अक्षरशः पालन कराते हुए काफ़ी दिनों से परेशान पीड़िता को अभियुक्त मो0 आलम उपरोक्त से आवेदिका के यूनियन बैंक के खातें में क्रमशः 49,000 रूपये, 49,000 रूपये, 12,500 व 34000 रूपये (कुल 134000 रूपये) 01 अक्टूबर तक जमा करवा कर निर्गत वसूली वारंट का निस्तारण कराया गया।