क्राइम रिपोर्टर सुधीर सिंह

कायमगंज/फर्रुखाबाद
राष्ट्रीय प्रगतिशील फोरम द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन हुआ तथा दो स्वच्छता कर्मी महिलाओं (श्रीमती कुंती देवी एवम् श्रीमती गुड्डी देवी )का अभिनंदन किया गया। अध्यक्ष प्रोफेसर रामबाबू मिश्र (रत्नेश) ने कहा कि आज की नारी शिक्षा,
कौशल और आत्मविश्वास के बल पर राष्ट्र रक्षा,सीमा सुरक्षा, अंतरिक्ष, चिकित्सा, राजनीति, अर्थव्यवस्था, खेलकूद ,उद्योग ,सिनेमा ,और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज कर रही है फिर भी कुछ देशों में मतांधता के चलते उन्हें रूढ़ियों के जंजीरों से बांधकर शिक्षा और प्रगति से वंचित कर दिया गया है। ऐसे में महिला दिवस मात्र औपचारिक बाजारू इवेंट होकर रह गया है। प्रधानाचार्य शिवकांत शुक्ला ने कहा कि आज भी भारत के ग्रामीण अंचल में महिला प्रधानों की जगह उनके प्रधान पति काम देखते हैं देहातों में बालिका शिक्षा की समुचित व्यवस्था भी नहीं है । समाज की अशक्त महिलाओं के उत्थान के लिए प्रभावी नीति बननी चाहिए । प्रगति और स्वतंत्रता के लिए नारी का आत्मनिर्भर होना जरूरी है। लेकिन भारतीय नारियों को पश्चिम से आ रही जहरीली हवाओं से सावधान रहने की जरूरत है। पूर्व प्रधानाचार्य अहिवरन सिंह गौर ने कहा कि नारी शक्ति परंपरा और प्रगति में सामंजस्य बनाकर आगे बढ़े और परिवार जैसे समय सिद्ध संस्था को बनाए रखने में सहयोग दें।
प्रोफेसर कुलदीप आर्य ,वीएस तिवारी ,जे पी दुबे ने संयुक्त रूप से कहा कि नारी अपने साहस इच्छा शक्ति समर्पण सहनशीलता और शुभ संकल्प के द्वारा हमें जीवन जीने की कला सिखाती है। गीतकार पवन बाथम ने कहा ———
त्याग तपस्या करुणा प्रीति सरसता दृष्टि।
नारी पर ही तो टिकी है धरती की सृष्टि।।
युवा कवि अनुपम मिश्र ने कहा——
अब तो हर एक क्षेत्र में दाखिल नारी शक्ति।
नर को नारायण करें नारी की अनुरक्ति।।
इस अवसर पर अध्यापक अजीत सिंह शाक्य, सौरभ चतुर्वेदी, अंकित मिश्रा, दिव्या पाल, विपिन पाठक, शिवकुमार दुबे , साकेत कुमार ,आदि ने कहा कि महिलाओं को धर्म और संस्कृति विरोधी ताकतों से सावधान रहना चाहिए और उन्हें भारतीय परंपराओं का अनुपालन करना चाहिए । जिनमें लव जिहाद और लिव इन रिलेशनशिप के लिए कोई गुंजाइश नहीं है।

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