ईस्ट इंडिया टाइम्स रिपोर्ट आदिल अमान

कायमगंज/फर्रुखाबाद
दरगाह बाबा जूही शाह पर आज ११ वें रोज़ा इफ़्तार का आयोजन किया गया रोज़ा इफ़तार से पहले फ़ातिहा के बाद अवाम व मुल्क की सलामती की दुआ की गई दरगाह के ख़लीफ़ा व सज्जादानशीन सूफ़ी मुशीर अहमद क़ादरी चिश्ती वारसी ने रोज़े की फ़ज़ीलत के बारे में बताया कि रोजा इस्लाम का तीसरा रूकन है, रोजे कोअरबी में सोम कहते हैं। सोम के मायने रुक जाने के है। जब कोई मुसलमान रोजा रखता है तो वो दिन भर खाने पीने की चीजों से परहेज करता है। लेकिन रोजा महज खाने पीने से परहेज करने का नाम नहीं बल्कि रोजेदार के जिस्म के हर हिस्से का रोजा होता है। रमजान के रोजों की बहुत सी फजीलत हदीस पाक में आई है सही बुखारी की हदीस है कि सय्यदना अब्बू हुरैरा रजिअल्लाहू अनुहू से रिवायत है कि मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया जो शख्स झूठ बोलना और दगाबाजी करना ना छोड़ें तो अल्लाह ताला को इस बात कि कुछ परवाह नहीं के वो रोजे का नाम करके अपना खाना पीना छोड़ दे | इस मौके पर मुफ़्ती मुनीर अहमद नूरी,हाफ़िज़ आज़म, दरगाह सरपरस्त मसूद खान,जमीर अहमद,जकी खान,आमिर हुसैन,तौहीद अहमद,हरिओम भारद्वाज,सनी बाथम,खलील,शमशाद,बबलू भाई,सोहेल खान,बाबू खान संजय शर्मा,शाहनवाज,आदिल मंसूरी,राशिद खान,किशन शाक्य, विनय सक्सेना,धनेश गौढ़,डा०परवेज़, सैयद जमील, रुख़सार हाफ़िज़ रिफ़अत,आमिर हुसैन,अंशुल गंगवार,सलीम खान,नावेद खान,अजमेरी भाई,सलमान अंसारीआदि शामिल रहे

By jamal

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