ईस्ट इंडिया टाइम्स रिपोर्ट आदिल अमान कायमगंज/फर्रुखाबाद मैदान ए कर्बला में शहीद हुए इमाम हुसैन व उनके साथियों की याद में चेहल्लुम पर ताजिएं निकाले गए। हर तरफ या हुसैन या अली की सदाएं गूंजी। जुलुस के दौरान बडी संख्या में अकीदतमंद शामिल हुए।कर्बला की जंग में शहीद हुए हजरत इमाम हुसैन व उनके 72 साथियों की याद में मुहर्रम के 40वें दिन बाद चेहल्लुम सादगी के साथ मनाया गया। इस अवसर पर अकिदतमनदो ने जगह जगह लंगर का इंतजाम किया। जानकारो की माने तो चेहल्लुम केवल शोक का त्यौहार नहीं बल्कि साहस, त्याग व बलिदान का त्यौहार है। इमाम हुसैन, हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम के नवासे थे। उन्होने बुराईयो के खिलाफ जंग लड़ी थी। चेहल्लुम का जुलुस क्षेत्र के गांव आतईपुर, भुड़िया, कटरा रहमत खां, बडा बाजार, चौक, पत्थरों वाली मस्जिद, गौखाना, होते हुए कर्बला पहुंचा। जहां ताजियों को सुपुर्द ए खाक किया गया। जुलुस के दौरान शोएल प्रधान, शोएब खान, फैसल, आऱिफ, अमान, मेहराज अली, मुख्खन खान, अनस खान, अली शान, फैजान, दानिश, नाजिर, जमन, शाबान अफरीदी आदि मौजूद रहे। इस दौरान सुरक्षा को लेकर कड़े इंतजाम रहे।

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