क्षेत्र में आम के बड़े बड़े हरे भरे वृक्ष धड़ल्ले से काटे जा रहे हैं
ईस्ट इंडिया टाइम्स रिपोर्ट आदिल अमान

कायमगंज/फर्रुखाबाद
कोतवाली कायमगंज क्षेत्र में वन विभाग की मिलीभगत से हरे आम के पेड़ों की कटाई नही रुक रही है। वरना आम, शीशम, सागौन के हरे भरे बागों पर वन विभाग की सह के विना आरा चल ही नहीं सकता है। नियमानुसार, इन प्रतिबंधित प्रजातियों के उन्हीं पेड़ों को अनुमति लेकर काटा जा सकता है, जो सूख चुके हो और फल न लगते हो, लेकिन इसी की आड़ में हरे पेड़ों पर ठेकेदारों का आरा चलता है।
वन विभाग के द्वारा कटी हुई लकड़ी को पकड़ कर हल्के से जुर्माना लगाकर छोड़ दिया जाता है जिससे पेड़ काटने वालो के हौसले वुलन्द है। ऐसा ही माजरा कुवेरपुर टेड़ीकोंन मार्ग पर आम के बाग में अवैध आम के एक पेड़ को कटवा दिया गया । जिम्मेदारों की अनदेखी से लकड़ी माफिया आम के हरे भरे पेड़ो को काटा जा रहा वही जिम्मेदारों की अनदेखी से लकड़ी स्थानीय प्रशासन एवं वन विभाग की अनदेखी व लापरवाही से लकड़ी माफिया द्वारा खुलेआम पेड़ों की कटाई की जा रही है। माफिया द्वारा आम के फलदार सहित छायादार पेड़ों को मशीनों से कटाकर ठिकाने लगाया जा रहा है। बावजूद इसके जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा संबंधितों के खिलाफ कार्यवाही नहीं की जा रही है। लकड़ी माफिया खुलेेआम लकड़ी के अवैध काराबोर में लगे है। आसपास के क्षेत्र में कई आम के पेड़ काट दिए गए हैं। जो गर्मी के दिनों में फल देने वाले थे। लोगों का यह भी कहना है कि एक और तो शासन प्रशासन पर्यावरण सरंक्षण करने के लिए प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए खर्च कर हरियाली महोत्सव मनाता है। लाखों पौधे लगाने के संकल्प लिए जाते हैं। वहीं दूसरी ओर क्षेत्र में आम के बड़े बड़े हरे भरे वृक्ष धड़ल्ले से काटे जा रहे हैं।
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