ईस्ट इंडिया टाइम्स
रिपोर्ट विरेन्द्र तोमर।

बागपत/ बिनौली/ क्षेत्र के गांव बरनावा में अतिश्यकारी चंदाप्रभु भगवान का मासिक महाभिषेक किया गया । जिसमें चतुर्थकालीन अतिशयकारी चंद्रप्रभु भगवान का महाभिषेक शांति धारा एवं नित्य पूजन और विधान हुआ। मुख्य महाभिषेक पुण्यार्जक परिवार एवं एक और से भगवान की शांति हरण करने का सौभाग्य योगेश जैन श्रीमती वंदना जैन आतिश जैन आयुष जैन (जोले वाले) सूरजमल विहार, दिल्ली ने प्राप्त किया एवं भगवान की दूसरी ओर से शांति धारा करने का सौभाग्य श्रीमती शोभा जैन, वरुण जैन, हिमांशु जैन (सर्राफ), मुजफ्फरनगर ने प्राप्त किया। इसके बाद नित्य एवं नैमित्तिक पूजन की गई। महाआरती करने का श्रीमती वंदना जैन धर्म पत्नी योगेश जैन ने लिया। पंडित अंकित शास्त्री दिल्ली ने अपने उद्बोधन में कहा
अष्टानिक पर्व में अरिहंत भगवान की पूजन करने का विशेष फल प्राप्त होता है इन अष्टानिक पर्व की दिनों में स्वर्ग के देव अपने संपूर्ण परिकर के साथ नंदीश्वर दीप में जाकर आकृत्रिम जिनालयों में विद्यमान मनोहरी प्रतिमाओं की आठ दिनों तक विविध प्रकार से महाअर्चना किया करते हैं । इसके प्रभाव से कुछ ही भवों में वह जन्म जरा और मृत्यु से परे हो मोक्ष को प्राप्त कर लेते हैं ।