ईस्ट इंडिया टाइम्स ब्यूरो चीफ: आमिर हुसैन

नैनीताल। ऊत्तराखण्ड में पंचायती चुनावों से ठीक पहले उच्च न्यायालय ने चुनाव याचिका को सुनते हुए एक व्यक्ति एक वोटर के नियम का सख्ती से पालन करने का आदेश दिया है। मुख्य न्यायाधीश जे नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने राज्य निर्वाचन आयोग के बीती 6 जुलाई के स्पष्टीकरण आदेश पर रोक लगा दी है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिजय नेगी ने बताया
कि रुद्रप्रयाग निवासी सामाजिक कार्यकर्ता
चुनाव संबंधी याचिका डाली। उन्होंने, कहा कि विगत 6 जुलाई को राज्य निर्वाचन आयोग ने स्पष्टीकरण नोटिस निकालकर सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को ये छूट दे दी कि वो पंचायती अधिनियमों की अन्य धाराओं के अंतर्गत आवेदनों की जांच करें। अभिजय ने कहा कि नियमानुसार एक व्यक्ति एक जगह का वोटर ही हो सकता है। न्यायालय ने याचिकाकर्ता की प्रार्थना
को सही मानते हुए 6 जुलाई के आदेश पर रोक लगादी है।न्यायालय ने कहा कि, चुनाव एक्ट के अनुसार ही कराए जाएंगे अर्थात एक इंसान एक जगह का वोटर ही हो सकता है और एक जगह ही चुनाव लड़ सकता है। ये भी कहा कि अब इस आदेश के बाद चुनाव आयोग पर है कि वो स्क्रूटिनी दोबारा करते हैं या अवमानना की स्थिति हो जाती है। बताया कि नियमानुसार एक व्यक्ति को एक जगह ही वोटर होना चाहिए, अगर वो दो जगह वोटर है तो उसका एक जगह से नाम हटना चाहिए।