राजेन्द्र सिंह धुऑंधार


कन्नौज। अध्यापकों के लिए टीईटी परीक्षा की अनिवार्यता का विरोध करते हुए यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन ने कलेक्ट्रेट मुख्यालय पर पहुंचकर प्रदर्शन करते हुए अपना विरोध जताया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश में संसोधन की मांग करते हुए अध्यापकों ने प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन भी जिलाधिकारी को सौंपा।
बताते चलें कि, यूटा जिलाध्यक्ष पंकज भदौरिया की अगवानी में सोमवार को शिक्षकों का हुजूम कलेक्ट्रेट पहुंचा था। टीईटी परीक्षा का विरोध कर रहे शिक्षकों का कहना था कि, जो अध्यापक विद्यालयों में पढ़ा रहे हैं, उनके लिए टीईटी परीक्षा पास करने की अनिवार्यता वाला कोर्ट का आदेश सही नहीं है। दो सालों में परीक्षा पास नहीं कर पाने पर इस आदेश के तहत शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी जाएगी, जिससे देश भर के करीब 30 लाख शिक्षक और उनके परिवारों के सामने जीविका का संकट पैदा हो जाएगा।
संगठन के लोगों ने प्रदर्शन करते हुए मांग की कि, शिक्षकों और उनके परिवारों का ध्यान रखते हुए आरटीई प्रभावी होने से पहले शिक्षकों को टीईटी से मुक्त रखा जाय।
इसके लिए संशोधित आदेश जारी करवाने के लिए भारत सरकार की ओर से पुनर्विचार याचिका न्यायालय में दाखिल की जाए।
प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने डीएम आशुतोष मोहन अग्निहोत्री को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित ज्ञापन भी सौंपा।
इस दौरान उमा कटियार, ममता देवी, अनुराग सिंह, अमित कुमार, अनीता देवी सहित कई शिक्षक मौजूद रहे।