राजेन्द्र सिंह धुऑंधार

कन्नौज। ठठिया थाना क्षेत्र के दौलतपुर गांव निवासी गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले नजरूल अली ने अपने संघर्ष, मेहनत और लगन से फिल्म इंडस्ट्री में जो मुकाम हासिल किया है, वह पूरे क्षेत्र के लिए गर्व का विषय बन गया है। गांव से निकलकर टीवी चैनलों पर प्रसारित कई धारावाहिकों और वेब सीरीज में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने वाले नजरूल अली दिन-प्रतिदिन सफलता की नई ऊँचाइयों को छू रहे हैं। इसे अल्लाह की विशेष रहमत और करम का नतीजा बताते हुए उनके पिता जी ने ईद मिलाद-उन-नबी के मौके पर अपने निवास पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया।
कार्यक्रम में क्षेत्र व आसपास के इलाकों से सम्मानित उलमा-ए-किराम ने शिरकत कर नबी-ए-करीम की पवित्र सीरत पर रोशनी बिखेरी। प्रमुख रूप से सय्यद मुहाफ़िज़ अली मदारी हैदर मकनपुरी, हज़रत हाफ़िज़ व कारी मोहम्मद शोएब रज़ा (ख़तीब व इमाम जामा मस्जिद ठठिया), मौलाना फन्सूर अली मदारी (इमाम जामा मस्जिद निस्तौली), हज़रत मौलाना मुहम्मद आदिल मदारी (ख़तीब व इमाम दौलतपुर), मौलाना फैजान खान, हाजी भोले कुरैशी (पूर्व नगर अध्यक्ष, समाजवादी पार्टी, कन्नौज) तथा वरिष्ठ सपा नेता यश कुमार दोहरे (अंशुल) ने कार्यक्रम में भाग लिया।
उलमा-ए-किराम ने नबी-ए-करीम की पवित्र जिंदगी पर ईमान अफ़रोज़ बयान पेश किए, जिससे महफ़िल का माहौल नूरानी और रूहानी हो गया। नात-ख़्वानी की मधुर आवाज़ों ने कार्यक्रम में चार चाँद लगा दिए। ग्रामवासियों, रिश्तेदारों और मेहमानों की भारी संख्या ने आयोजन में भाग लेकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। पूरे गांव की गलियों, मोहल्लों और घरों को रोशनी से सजाया गया था, जिससे माहौल में उत्सव और उमंग का रंग बिखर गया। कार्यक्रम के अंत में बारगाह-ए-रसूल में सलाम पेश कर मुल्क व क़ौम की तरक्की तथा नजरूल अली की आगे और सफलता के लिए ख़ास दुआएँ की गईं। कार्यक्रम ने यह साबित कर दिया कि कठिनाइयों से लड़ते हुए आगे बढ़ने वाले लोगों की सफलता पूरी बिरादरी के लिए प्रेरणा बनती है।
यह आयोजन न केवल एक धार्मिक महफ़िल था, बल्कि सामाजिक एकता और भाईचारे का संदेश भी लेकर आया।