रिपोर्ट संजीव कुमार सक्सेना।

फर्रुखाबाद।
जिलाधिकारी आशुतोष कुमार द्विवेदी ने कलेक्ट्रेट सभागार में कर्मचारियों की अनुशासनहीनता पर नाराजगी जाहिर की। डीएम ने आईजीआरएस निस्तारण से सम्बंधित समीक्षा बैठक में आवेदकों से सम्पर्क न करने वाले अधिकारियों पर अत्यधिक नाराजगी जताई। उन्होंने निर्देशित किया कि आवेदकों से वार्ता न किया जाना अनुशासनहीनता व अपराध है। उन्होंने शत् प्रतिशत आवेदकों से वार्ता करने की हिदायत दी। आवेदकों से वार्ता न किए जाने के क्रम में तहसीलदार अमृतपुर, कायमगंज, जीएम डीआईसी, वीडियो राजेपुर, एकिशयन आवास विकास, एकिशयन जल जीवन निगम, एकिशयन विधुत विभाग, पूर्ति निरीक्षक अमृतपुर, बाल विकास परियोजना अधिकारी कमालगंज व नबावगंज को नोटिस निर्गत किए जाने के निर्देश दिए। चेतावनी दी गई कि अधिकारी प्रतिदिन आफिस पहुंचकर सर्वप्रथम आईजीआरएस चैक करें। निस्तारण भी अपनी निगरानी में ही कराना सुनिश्चित करें। सभी शिकायतकर्ताओं से स्वयं बात करें। शिकायते डिफाल्टर होने से तीन दिन पूर्व ही आईजीआरएस पर गुणवत्तापूर्ण, सुस्पष्ट, निस्तारण आख्या अपलोड करना सुनिश्चित किया जाए।डीएम ने अपर जिलाधिकारी को निर्देशित किया कि जिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण डिफाल्टर संदर्भ का निस्तारण नहीं हो सका और जिले की रैंकिंग प्रभावित हुई उनसे स्पष्टीकरण मांगा जाए। सही जबाब ना मिले तो कठोर व दंडात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाए। उन्होंने कहा कि आरजीआरएस शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही व शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी, डीएफओ, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व, उपजिलाधिकारी सदर, जिला विकास अधिकारी व सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।