-पैतृक आवास पर गार्ड ऑफ ऑनर के साथ दी गई अंतिम विदाई, क्षेत्र में शोक की लहर।

रिपोर्ट संतोष मिश्र
अतरौलिया थाना क्षेत्र के महगुपुर ढाहर गांव निवासी, प्रख्यात समाजसेवी एवं कोयलसा इंटर कॉलेज के पूर्व प्रवक्ता रहे कामरेड नागेश्वर प्रसाद तिवारी का शनिवार की सुबह 83 वर्ष की आयु में उनके पैतृक आवास पर निधन हो गया। उनके निधन की सूचना मिलते ही पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। कामरेड नागेश्वर तिवारी ने जीवन भर जनसेवा को अपना ध्येय बनाया। वे 1988 तथा 1993 में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई एम ) से अतरौलिया विधानसभा चुनाव के प्रत्याशी रहे थे। वर्ष 1975 की आपातकाल (इमरजेंसी) के दौरान उन्हें मीसा एक्ट के तहत छह माह तक जेल में रहना पड़ा था। लोकतंत्र की रक्षा में उनके योगदान के लिए सरकार द्वारा उन्हें लोकतंत्र सेनानी का दर्जा और पेंशन धारक का सम्मान प्रदान किया गया था। वे अपने विचारों की प्रखरता, वाकपटुता और सामाजिक सक्रियता के कारण क्षेत्र में विशेष पहचान रखते थे। भारतीय जनता पार्टी द्वारा भी उन्हें लोकतंत्र सेनानी के रूप में सम्मानित किया गया था।उनका अंतिम संस्कार रविवार की सुबह लगभग 10 बजे अंबेडकर नगर स्थित श्मशान घाट पर राजकीय सम्मान (गार्ड ऑफ ऑनर) के साथ किया जाएगा। पीछे दो पुत्र राकेश तिवारी एवं राजेश तिवारी, तथा दो पुत्रियाँ सुधा व रंजना हैं, जिनकी शादियाँ हो चुकी हैं।
श्रद्धांजलि देने वालों में नायब तहसीलदार बुढ़नपुर बंदना, क्षेत्राधिकारी बुढ़नपुर, थाना अध्यक्ष अमित कुमार मिश्, भाजपा नेता चंद्रजीत तिवारी, युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष पुष्कर मिश्रा, हर्षित सिंह, आनंद तिवारी, सुभाष निषाद, नीरज तिवारी, संतराम निषाद, सुनील पांडे, संतोष यादव, जयकिशन पांडे, मुन्ना श्रीवास्तव, फूलचन्द्र यादव, ब्रह्मदेव सिंह सहित अनेक संभ्रांत जन उपस्थित रहे।चंद्रजीत तिवारी ने कहा, “कामरेड नागेश्वर तिवारी ने अपने जीवन में हमेशा समाज की भलाई और लोकतंत्र की रक्षा के लिए काम किया। उनका व्यक्तित्व हम सभी के लिए प्रेरणा है।”
क्षेत्राधिकारी बुढ़नपुर अजय प्रताप सिंह ने कहा, “उनकी नीति और साहस ने पूरे क्षेत्र में सम्मान पाया। समाज को अपूर्णनीय छति प्राप्त हुई है ।”पुष्कर मिश्र ने कहा, “नागेश्वर तिवारी जी की सामाजिक सक्रियता और न्यायप्रियता आज भी हम सभी के लिए उदाहरण है।”
हर्षित सिंह ने कहा, “उनकी विनम्रता और संघर्ष की भावना आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक रहेगी।”
आनंद तिवारी ने कहा, “कामरेड तिवारी का योगदान हम नहीं भूल सकते। उनका व्यक्तित्व हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेगा।”
सुभाष निषाद ने कहा, “समाज के लिए उनका समर्पण अद्वितीय था। हम उनकी याद में सदैव प्रेरित रहेंगे।”नीरज तिवारी ने कहा, “उनके विचार और कर्म हमारे लिए प्रेरणा स्रोत हैं। उनकी कमी हमेशा महसूस होगी।”इस अवसर पर सभी ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर उनके जीवन और कार्यों को याद किया।