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यू सी सी के कुछ बिंदुओं का किया विरोध

ईस्ट इंडिया टाइम्स फैयाज अहमद/

देहरादून /उत्तराखंड/
विकासनगर। उत्तराखंड क्रांति दल के डाकपत्थर रोड स्थित कार्यालय से लक्ष्मणपुर चौक तिराहा तक सैकड़ों की संख्या में रैली में कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। जिसके पश्चात “समान नागरिकता संहिता” के लिव-इन-रिलेशन व एक वर्ष की अवधी में उत्तराखंड में निवास के तहत अस्थाई निवास मिलने की व्यवस्था जैसे प्रावधानों की विरोध स्वरुप प्रतियां जलाई गई। केंद्रीय संरक्षक सुरेंद्र कुकरेती ने कहा की समान नागरिक संहिता के अंतर्गत लिव इन रिलेशन को सरकार द्वारा कानूनी मान्यता देना निंदनीय है।

कहा कि सरकार द्वारा अपराध और भ्रष्टाचार को संरक्षण देने के साथ-साथ अब हमारे संस्कारों पर प्रहार किया जा रहा है। यूसीसी के भाग 3, सहवासी संबंध वाले अध्याय को तुरंत हटाया जाए। इस देवभूमि में इस प्रकार के क़ानून को उत्तराखंड का आम जान मानस कभी स्वीकार नहीं करेगा। सुरेंद्र कुकरेती ने कहा कि उत्तराखंड में एक वर्ष अवधि के निवास के आधार पर अस्थाई निवास प्रमाणपत्र प्रदान करने की व्यवस्था से मूल निवासियों के अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। यह न केवल राज्य के भू-क़ानून को कमजोर करेगा, बल्कि स्थानीय लोगों की भूमि और संसाधनों की सुरक्षा के लिए बनी व्यवस्थाओं को भी समाप्त करने का मार्ग प्रशस्त करेगा। उन्होंने स्पष्ट रूप से समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के तहत लाए गए इन प्रावधानों का विरोध किया, जो पारंपरिक निवास और भूमि संबंधी कानूनों को प्रभावित करेंगे। इस प्रकार के क़ानून को इस देवभूमि पर थोपकर सरकार इसे दानव भूमि बनाने का प्रयास कर रही है। सनातनी सभ्यता को राजनीति की भेंट ना चढ़ाया जाए।

इस प्रकार राज्य बनाने की अवधारणा ही समाप्त हो जाएगी, जिनके लिए हमने यह राज्य लिया उनके अधिकारों पर कुठाराघात किया जा रहा है। ऐसा नहीं है की हम इसका विरोध आज पहली बार कर रहें हैं, इससे पूर्व में हम ३ बार मुख्यमंत्री से भेंट कर चिंता जाहिर कर चुके हैं। लिव-इन-रिलेशन जैसे क़ानून लाकर हमारी संस्कृति खंडित हो जाएगी तथा उत्तराखंड में एक वर्ष निवास के तहत अस्थाई निवास मिलने की व्यवस्था के प्रावधानों से यहां के मूल निवासियों के अधिकारों का हनन होगा। कुकरेती ने कहा उत्तराखंड क्रांति दल द्वारा 24 अक्टूबर, 2024 को एक विशाल रैली निकालकर उत्तराखंड की जनता की भावनाओं से सरकार को अवगत कराया था, उसके बाद केंद्रीय संरक्षक स्व. त्रिवेंद्र पंवार के नेतृत्व में दीन दयाल उपाध्याय समय में 72 घंटे का उपवास रखा किंतु सरकार द्वारा अपनी हठधर्मी पे रही अब जिसका खामियाजा संपूर्ण उत्तराखंड भुगतेगा। कुकरेती ने कहा उत्तराखंड क्रान्ति दल माननीय मुख्यमंत्री जी से निवेदन करता है कि जैसे पूर्व में कई ऐसे बिल आए हैं जिसमें संशोधन हुआ तो ये जो यूसीसी कानून लाए हैं इसमें इन दो बिंदुओं को संशोधित किया जाए ये जिसमें लिव-इन-रिलेशन व एक वर्ष की अवधी में उत्तराखंड में निवास के तहत अस्थाई निवास मिलने की व्यवस्था रद्द करें और बाकी जो यूसीसी है उसका हम समर्थन करते हैं इन दो बिंदुओं को छोड़कर उस पे हमें कोई आपत्ति नहीं है जो राष्ट्रीय हित में होगा जो राज्य हित में होगा हम पूरी तरह सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर यूजीसी का समर्थन करते हैं। मुख्य रूप से आज कार्यक्रम में केंद्रीय सचिव प्रकाश भट्ट, अतुल बेंजवाल, मनोज कंडवाल, जीतेन्द्र पंवार, जिला उपाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह नेगी, जिला महामंत्री मायाराम मंगाई, सहन सिंह असवाल, वरीष्ठ उपाध्यक्ष देवी प्रसाद डंगवाल, नरेंद्र कुकरेती, महामंत्री अमर देव जोशी, ब्लॉक अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह बिष्ट, अध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ राजवंती सेमवाल, उपाध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ रेखा थपलियाल, बीना पवार, दरवान सिंह रावत, सरोज मलासी, हेमचंद सकलानी, सरोज मलासी कमला घिल्डियाल मनोज कंडवाल मनोरी जिया महेश्वरी बिष्ट जिया उर्मिला थपलियाल उतनी नेगी जी अनीता चमोली राम सिंह रावत मदन लाल पाल, सुरेंद्र कुकरेती (ठेकेदार), वीरेंद्र नेगी, कमला घिल्डियाल, राखी सजवान, ऊषा बिष्ट, उर्मिला कपिल सुमन गुलेरिया, सहित सैकड़ों की संख्या में उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ता व पदाधिकारी शामिल हुए।

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