एमएसएमई ( सूक्ष्म लघु एवं मध्यम ) के लिए लोन गारंटर लिमिट दुगनी – लेकिन जीएसटी में पंजीकृत व्यापारियों का कोई ध्यान नहीं — राज शर्मा
ईस्ट इंडिया टाइम्स राजेन्द्र सिंह धुआँधार
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कन्नौज। जीएसटी में पंजीकृत व्यापारियों को व्यापारी आयुष्मान कार्ड, व्यापारी पेंशन, विद्युत यूनिटों में विशेष छूट, जीएसटी विभाग में पंजीकृत व्यापारियों की दुर्घटना बीमा की राशि को ना बढा़ना एवं व्यापारियों की मांगों को केंद्र सरकार के द्वारा बजट में अनदेखा किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। भारतीय उद्योग व्यापार मंडल उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिला अध्यक्ष राज शर्मा ने केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा पेश किया गया बजट पर चर्चा के दौरान कही। जिलाध्यक्ष ने कहा कि एमएसएमई के लिए लोन गारंटर लिमिट पहले 5 करोड़ से बढ़कर 10 करोड़ होने से देश में रोजगार के नए अवसर मिलने में सहायता मिलेगी। शनिवार को केंद्र सरकार की तरफ से केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण के द्वारा बजट पेश किया गया। उधोग व्यापार मण्डल के जिलाध्यक्ष राज शर्मा ने बताया की। बजट मिडिल क्लास, एवं किसानों और मैन्युफैक्चर सेक्टर के लिए मिला-जुला राहत भरा बजट है, सरकार के द्वारा इनकम टैक्स पर जो राहत दी गई है । आयकर विभाग मे मिडिल क्लास एवं उच्च वर्ग के आयकर दाताओं को बड़ी राहत दिए जाने एवं बरिष्ठ नागरिकों को भी टीडीएस में 50 हजार से बढ़कर एक लाख तक की सीमा बढ़ाई गई है। जो सभी के लिए स्वागत योग निर्णय है।
सूक्ष्म उद्योगों के लिए 5 लाख की लिमिट वाले कस्टमाइजड क्रेडिट कार्ड जारी करना अच्छा निर्णय है । पहली बार महिला उद्यमी बनने वाली महिलाओं को दो करोड़ तक का टर्म लोन मिलने से महिलाओं में उद्यम लगाने मैं दिक्कत नहीं आएगी। अब महिलाएं भी अपने उद्योगों को बढ़ाकर देश की प्रगति में अपना योगदान देने का कार्य करेगी। जिससे महिलाओं के लिए भी रोजगार के नए अवसर में वृद्धि होगी। पर्यटन स्थलों को विकसित करना राजस्व बढ़ने की उम्मीद है। नए निवेश के लिए सभी राज्यों को प्रोत्साहन करना, किसानो और ग्रामीण क्षेत्र के लिए कृषि सुधार की योजना से देश में नए रोजगार एवं अच्छा राजस्व मिलने की उम्मीद है। लेकिन पंजीकृत व्यापारियों की मांगों को बजट में न शामिल करना सरकार की सबसे बड़ी भूल है।
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