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पूर्व मुख्यमंत्री हरिद्वार के सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान को लेकर आक्रोशित खनन कारोबारियों ने इटव्वा चौराहे पर रावत का पुतला फूंका कर आक्रोश व्यक्त किया।

ईस्ट इंडिया टाइम्स ब्यूरो चीफ:आमिर हुसैन

बाजपुर/ उधमसिंह नगर: उत्तराखंड में खनन गतिविधियों को लेकर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं हरिद्वार के सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत के संसद में दिए गए बयान के खिलाफ आक्रोशित दर्जनों खनन कारोबारियों ने हरकेश सिंह कैसी के नेतृत्व त्रिवेंद्र सिंह रावत का इटव्वा चौराहा पर पुतला दहन कर आक्रोश व्यक्त किया।खनन कारोबारी गुरदेव सिंह ने बताया प्रदेश में खनन की स्थिति सही चल रही है,जिससे खनन व्यापारियों को भी लाभ हो रहा है बल्कि सरकार को भी अच्छा राजस्व प्राप्त हो रहा है। इसके बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने संसद में खनन के खिलाफ “गलत” बयान दिया,जिससे कारोबारियों में बड़ी ही तेजी के साथ आक्रोश फैल गया। खनन कारोबारी जसविंदर सिंह सन्नी ने कहा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड में खनन का कारोबार सहित तरह से चल रहा है एवं अधिक राजस्व बासुली हो रही है किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हो रही है।उधम सिंह नगर, हरिद्वार जिला एवं नैनीताल खनन से जुड़ा है लाखों लोग खनन कारोबार से जुड़े हैं खनन बंद होने से लाखों लोग बेरोजगार हो जाएंगे भुखमरी की कगार पर पहुंच जाएंगे।उन्होंने कहा कि त्रिवेंद्र सिंह रावत को अपने दिए गए बयान पर माफी मांगनी चाहिए।खनन कारोबारी हरकेश सिंह कैसी ने कहा खनन कारोबारी से लेकर खनन उद्योग बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिल रही है। उन्होंने कहा त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस बयान से न केवल खनन व्यापार को नुकसान होगा बल्कि सरकार का राजस्व भी प्रभावित होगा।उन्होंने कहा जबकि सच्चाई यह है सरकार को इस क्षेत्र से पर्याप्त राजस्व मिल रहा है और रोजगार के अवसर भी बन रहे हैं,कारोबारियों ने कहाँ कि पिछले वर्ष लगभग 600 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ था। जबकि इस वर्ष उत्तराखंड सरकार को 1 हज़ार 21 करोड़ से ज्यादा का राजस्व प्राप्त हुआ है।
सरकार की स्थिति और संभावित प्रभाव।खनन उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है,जिससे हजारों लोगों को रोजगार मिलता है। सरकार के लिए भी यह राजस्व का एक बड़ा स्रोत है। अगर इस क्षेत्र को लेकर कोई नकारात्मक बयान आता है, तो यह निवेशकों और व्यापारियों के लिए चिंता का विषय बन सकता है। खनन बंद करने से सरकार की अर्थव्यवस्था बिगड़ जाएगी।हालांकि,अभी तक प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।खनन कारोबारियों के इस विरोध के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रदेश सरकार और त्रिवेंद्र सिंह रावत इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।इस मौके पर जसवंत सिंह जस्सू,गुरुपेज सिंह,कुलविंदर सिंह,मनवीर सिंह,जसविंदर सिंह, जीता,सतविंदर सिंह,बलवीर सिंह,बलदेव सिंह,राजू,रिनू, अजमेर सिंह,जिंदर सिंह,मंगल सिंह आदि मौजूद थे।

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