भक्तजनों की रक्षार्थ भगवान लेते हैं समय-समय पर अवतार— आचार्य पंडित सुरेंद्र भारद्वाज।
मुनीश उपाध्याय।
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बिजनौर/धामपुर:- जनपद बिजनौर धामपुर नगर के मोहल्ला बाड़वान स्थित प्राचीन सिद्ध पीठ माता चामुंडा देवी मंदिर पर चल रहे सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ महोत्सव मे कथा स्थल भगवान कृष्ण एवं राधा रानी के भजनो और जयकारों से भक्ति मय बना हुआ है । इस मौके पर श्री बंगाली बाबा आश्रम गबां संभल से पधारे श्री हरि वेद विद्या पीठम निशुल्क सेवा संस्थान के संस्थापक एवं कथावाचक आचार्य पंडित सुरेंद्र भारद्वाज जी महाराज ने श्रद्धालुओं को अमृतमय भागवत कथा का रसपान कराते हुए कहा कि भागवत कथा श्रवण करने वाले सांसारिक प्राणियों को अभिमान रहित जीवन जीना चाहिए। इसके अलावा जीवन में चिंता के स्थान पर चिंतन को स्थान दिला कर ही सुखों से परिपूर्ण जीवन की अनुभूति की जा सकती है। इस दौरान प्रस्तुत किए गए भजन तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे बलिहार प्यारे जू की लाइनों पर श्रद्धालुओं ने जय जय श्री राधे तथा भगवान कृष्ण की जय जयकार से वातावरण को गुंजा दिया । कथा में संगतकारों मनवीर सिंह तरुण कुमार तथा जीतू शर्मा की वादन कला भी प्रशंसनीय बनी हुई है । श्रीमद् भागवत कथा वाचक आचार्य पंडित सुरेंद्र भारद्वाज जी महाराज ने विभिन्न प्रसंगो की उदाहरण सहित चर्चा करते हुए बताया कि ब्राह्मण सनातन और गौ रक्षा के साथ ही दुष्ट प्रवृत्ति के लोगों के अत्याचारों से पीड़ित लोगों की रक्षा के लिए ही प्रभु समय-समय पर अवतार धारण करते हैं । सांसारिक प्राणियों को दुख और सुख दोनों ही वातावरण में प्रसन्न रहते हुए भगवान की भक्ति में अपना अधिकांश जीवन बिताना चाहिए। ऐसा होने पर प्रभु की कृपा एवं अनुकंपा बरसती है । और दुख भी सुख में परिवर्तित हो जाते हैं ।वह सनातन परिवार बहुत ही सौभाग्यशाली माना जाता है जिस परिवार में समय-समय पर संतो गुरुजनों एवं अतिथियों का आवागमन बना रहता है । इतना ही नहीं अतिथि देवो भव अर्थात अतिथि सत्कार की भावना रखने वाले सनातन परिवार मे हमेशा मंगलमय वातावरण भी बना रहता है । उन्होंने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा सांसारिक प्राणियों को चिंता युक्त से चिंता मुक्त भी बनाती है । उन्होंने बताया कि संतों का क्षण और अन्न का कण कभी बर्बाद नहीं होने देना चाहिए। भागवत कथा सभ्यता और संस्कृति की प्रतीक है। जो हमें एक दूसरे के सुख और दुख में सहभागी बने रहने तथा भारतीय संस्कृति एवं संस्कारों के आधार पर जीवन का संचालन करने का संदेश भी देती है । कथा स्थल पर अलका राजपूत, गौरी राजपूत, पायल रानी, प्रशा देवी ,आयुषी ,लता ,अंजू अग्रवाल, मीनाक्षी शर्मा, मधुबाला ,क्रांति देवी, मंजू ठाकुर ,समिष्ठा ठाकुर ,वैष्णवी ठाकुर ,शशि बाला ,राजबाला ,विनोद रानी ,कमला सैनी ,मंजू रानी, लक्ष्मी, ममता स्वाति शकुंतला कुसुम चंद्रा देवी सुनीता ,रानी संतोष ,देवी टीना, रानी आदि अनेक महिलाओं सहित माता सावित्रीबाई फुले महिला जागृति मिशन की संस्थापक मोनिका सैनी नगर पालिका परिषद सभासद पूनम सैनी एवं सोमपाल सिंह सैनी तथा उनकी अनेक सहयोगियों का योगदान बना हुआ है कथा नित्य प्रति दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक तथा रात्रि 7 बजे से 10 बजे तक आगामी 21 नवंबर तक चलेगी तथा 22 नवंबर को भंडारे का आयोजन किया जाएगा
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