ईस्ट इंडिया टाइम्स फ़ैयाज़ अहमद

उत्तराखंड/
हल्द्वानी/
अब सही बस में हुआ हूं सवार ! यह पंक्तियाँ किसी कवि सम्मेलन में किसी कवि ने नहीं बल्कि काग्रेस छोड़कर आज मंगलवार को भाजपा में घर वापसी करने वाले सौरभ भट्ट ने भाजपा पार्टी कार्यालय में ज्वाइनिंग कार्यक्रम में उपस्थित कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कही।

दिवंगत व पूर्व में नेता प्रतिपक्ष रही डॉ इंदिरा हृदयेश प्रतिनिधि रहे सौरभ भट्ट ने मंगलवार को ‘घर वापसी’ कर ली और कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी में वापस आ गए। बता दें कि विगत वर्ष नेता प्रतिपक्ष के कार्यों से प्रभावित होकर और भाजपा की नीतियों से नाराज होने के बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे, लेकिन उन्हें पार्टी बदलने का कोई खास फायदा नहीं हुआ। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष डॉ इंदिरा हृदयेश का निधन हो गया था, तब से सौरभ कांग्रेस का झंडा उठाए हल्द्वानी से मेयर के टिकट की चाहत पाले नेताओं के साथ कदम ताल कर रहे थे। कांग्रेस ने आंदोलनकारी ललित जोशी को टिकट दिया तो कई नेताओं के मंसूबों में पानी फिर गया और नेता अपनी जमीन तलाशने लगे। आज नाटकीय ढंग से सौरभ भट्ट ने भाकपा के नैनीताल-उधम सिंह नगर के सांसद अजय भट्ट, मेयर प्रत्याशी गजराज बिष्ट, जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट, उत्तराखंड कृषि मंडी परिषद के अध्यक्ष अनिल डब्बू, प्रदीप बिष्ट, प्रदेश प्रवक्ता प्रकाश रावत, दीपक पांडेय व अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में घर वापसी करते हुए पुनः भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। सौरभ के इस निर्णय से कांग्रेस को कितना नुकसान होता है यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन जिस तरह निकाय चुनाव में दल बदल की राजनीति ने अपनी पैठ बना ली है, इसे राजनीतिक जानकार लोकतंत्र के लिए अच्छा संदेश नहीं मान रहे हैं। यह घटना उस समय घटित हुई है जब कुछ दिन पूर्व कांग्रेस के प्रदेश स्तर के तीन नेताओं ने भी कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया था। इसे लेकर भी खूब बयानबाजी हुई थी, और आज इस घटनाक्रम ने नई बहस को जन्म दे दिया है।

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