ईस्ट इंडिया टाइम्स रिपोर्ट सौरभ अग्रवाल

फिरोजाबाद । जनपद की तहसील सदर में उस समय जोरदार हंगामा हो गया जब, उप जिलाधिकारी कार्यालय टूंडला से सम्बन्धित एक वर्ष पुरानी फाइल में मोहर लगवाने आए हेमन्त यादव ने प्रशासनिक अधिकारी पर जबर्दस्त दबाव बनाने का प्रयास किया। लेकिन, प्रशासनिक अधिकारी ने स्पष्ट रूप से फाइल पर यह कहते हुए मना कर दिया कि यह परमीशन की फ़ाइल उपजिलाधिकारी टूंडला की है तो में इस पर अपनी मोहर नहीं लगाऊंगा तो प्रशासनिक अधिकारी ने इनकार कर दिया और हॉट टॉक के बाद भ्रमित करते हुए कुछ राजनीतिक लोगों को बुला लिया। जिन्होंने, प्रकरण की बिना जानकारी किए ही हंगामा करना शुरू कर दिया। हंगामा करते समय कोई भी किसी की बात को सुनना नहीं चाह रहा था।

काफी जद्दोजहद के बाद जब, प्रशासनिक अधिकारी ने उन्हें पूरा प्रकरण बताया तब, उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ और शर्मिंदा होते हुए सभी एक एक कर धीरे धीरे वहां से खिसक गए।

बताते चलें कि यह घटनाक्रम पूरे एक घंटे तक चलता रहा लेकिन, तहसील में मौजूद जिम्मेदार अधिकारी ने प्रकरण को गंभीरता से नहीं लिया और ना हीं मौके पर पहुंचे। जो, यह सवाल खड़ा करता है कि, हंगामे के दौरान यदि, किसी भी पक्ष के साथ कोई घटना घटित हो जाती तो, उसके लिए आख़िर कौन जिम्मेदार होता ?

By jamal

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