ईस्ट इंडिया टाइम्स रिपोर्ट सौरभ अग्रवाल

फिरोजाबाद । आगरा में ताज महल की सुरक्षा व संरक्षण के लिए सर्वोच्च न्यायालय एवं राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) द्वारा ताज ट्रैपेजियम जोन (टीटीजेड) में ताजमहल से 120 किमी के एरिया को संरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया है। जहां, लैंडफिल स्थलों सहित भूमि पर खुले में कचरा जलाया जाना पूर्णतः प्रतिबंध है और कूड़ा प्रबंधन व कचरा जलाने पर प्रतिबंध लगाने से लेकर नियमों की निगरानी और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई से संबंधित नियमों को लागू करने के लिए जिम्मेदार स्थानीय निकायों (नगर निगम या पंचायत) को जिम्मेदारी सौंपी गई है। साथ ही, इस तरह की किसी भी घटना के लिए जिम्मेदार व्यक्ति या निकाय को साधारण तौर पर कूड़ा जलाने के लिए 5,000 और बड़े पैमाने पर कचरा जलाने के लिए 25,000 रुपये का पर्यावरण मुआवजा देना सुनिश्चित किया गया है। शायद यही कारण है कि, सर्दियों के मौसम में भी टीटीजेड एरिया में अलाव या कचरे में आग नहीं जलाई जाती है।

इसके विपरीत शासन के नियमों का पालन कराने के लिए जिम्मेदार अफसरों द्वारा पर्यावरण को प्रदूषित करने का एक मामला बुधवार को फिरोजाबाद ब्लॉक में दिखाई दिया। जहां, शासन के नियमों का पालन कराने के लिए जिम्मेदार विभागीय अधिकारियों द्वारा ही सरकारी परिसर के अंदर एक दर्जन से भी अधिक स्थानों पर कचरा पत्ता आदि के ढेर बनाकर उसमें आग लगवा दी। जिससे, कुछ ही सैकंडों में धुएं का गुबार संपूर्ण परिसर में फैलता चला गया और आसपास के लोगों का स्वांस लेना भी दुर्भर हो गया। जो, लगभग आधे घंटे तक परिसर में घुटता रहा।

जब, मौके पर मौजूद बीडीओ से इसके विषय में जानकारी चाही तो, उन्होंने, तत्काल अधीनस्थ को निर्देशित करते हुए सभी कचरे के ढेर में सुलग रही आग पर पानी का छिड़काव करवा दिया। अब, सवाल यह उठता है कि, आम आदमी को नियमों का पाठ पढ़ाते हुए तत्काल पांच से पच्चीस हजार रुपए तक का चालान काटने वाले जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही कौन करेगा ?

By jamal

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