ईस्ट इंडिया टाइम्स ब्यूरोचीफ ताहिर कुरैशी मथुरा

मथुरा ।उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने आज बरसाना (जनपद मथुरा) से छाता रोड स्थित सहार राजबाह के किलोमीटर 20.433 पर पहुँचकर स्थिति का स्थलीय निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होंने नहर की संरचनात्मक स्थिति, जलप्रवाह की नियमितता, किसानों को सिंचाई हेतु उपलब्ध जल की मात्रा तथा तटबंधों की सुरक्षा व्यवस्था का सूक्ष्म अवलोकन किया।निरीक्षण के दौरान जलशक्ति मंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि जल ही जीवन है, और सिंचाई व्यवस्था की सुदृढ़ता के बिना प्रदेश की कृषि प्रगति की कल्पना नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि मथुरा जनपद के किसान सदियों से सहार राजबाह जैसे परंपरागत जलस्रोतों पर निर्भर हैं, अतः इनकी नियमित देखरेख, सफाई और मरम्मत अत्यंत आवश्यक है।बरसाना से छाता रोड स्थित सहार राजबाह के किलोमीटर 20.433 पर पिछले कुछ समय से जलप्रवाह में बाधा की शिकायत प्राप्त हो रही थी, जिसे देखते हुए मंत्री जी स्वयं मौके पर पहुँचे। मौके पर निरीक्षण के दौरान पाया गया कि कुछ स्थानों पर सिल्ट जमने तथा किनारों पर कच्ची मिट्टी कटने से जल प्रवाह बाधित हो रहा था। मंत्री जी ने तत्काल अधिशासी अभियंता (सिंचाई विभाग) को निर्देश दिए कि अविलंब ड्रेगिंग कार्य प्रारंभ किया जाए और आगामी 7 दिनों के भीतर नहर को पूरी तरह सुचारु किया जाए।यह राजबाह क्षेत्र के लगभग 5000 हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई हेतु जल प्रदान करता है। इसके प्रवाह के सुचारु हो जाने से इन क्षेत्रों के गन्ना, गेहूं, बाजरा और मूंगफली जैसी फसलों को समुचित लाभ मिलेगा। मंत्री जी ने कहा कि सरकार का लक्ष्य केवल जल आपूर्ति नहीं, बल्कि कृषि उत्पादन में गुणात्मक वृद्धि है। निरीक्षण के उपरांत स्वतंत्र देव सिंह जी ने स्थानीय किसानों से सीधा संवाद कर उनकी समस्याएँ सुनीं। किसानों ने बताया कि कई बार राजबाह में समय से पानी नहीं पहुँचता, जिससे फसलों को नुकसान होता है। इस पर जल शक्ति मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि राज्य सरकार द्वारा शुरू किया गया “जल समाधान पोर्टल” इस प्रकार की समस्याओं के समाधान के लिए एक सशक्त मंच है। निरीक्षण के अंत में स्वतंत्र देव सिंह जी ने कहा,“हमारी सरकार ‘हर खेत को पानी’ के लक्ष्य की ओर दृढ़ संकल्पित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश की जल संरचनाओं को पुनर्जीवित किया जा रहा है। नहरों, राजबाहों और जलाशयों का आधुनिकीकरण कर किसानों को हर मौसम में पर्याप्त जल उपलब्ध कराना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”