ईस्ट इंडिया टाइम्स राजेन्द्र सिंह धुऑंधार

कन्नौज। जिले की सड़कों पर इन दिनों मक्का किसानों का कब्जा बढ़ता जा रहा है। हालत यह है कि किसानों ने हाईवे और सर्विस लेन तक को नहीं छोड़ा, जहां हर समय तेज रफ्तार वाहन गुजरते हैं। इससे यातायात बाधित हो रहा है और कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। हैरानी की बात यह है कि जिले के अफसर इस गंभीर समस्या से अब तक अनजान बने हुए हैं।खेतों में मक्का की फसल पक चुकी है और कटाई-छिलाई का काम चल रहा है। इसके बाद किसान मक्का को सुखाकर मंडी भेजते हैं। सुखाने के लिए वे सड़क, संपर्क मार्ग, हाईवे और यहां तक कि सर्विस लेन का इस्तेमाल कर रहे हैं। सड़क पर फैली मक्का के कारण तेज रफ्तार वाहनों के निकलने में परेशानी हो रही है। कई बार वाहन मक्का पर चढ़ जाते हैं, जिससे किसान और वाहन चालकों के बीच विवाद भी हो जाते हैं।यह कोई पहली बार नहीं है। हर साल यही स्थिति दोहराई जाती है। पहले रबी की मक्का सड़कों पर सुखाई जाती है, फिर बरसात में बोई गई मक्का की बारी आती है। साल में दो बार सड़कों पर पीली मक्का की परत बिछ जाती है, जिससे सड़कों का उपयोग आमजन के लिए जोखिम भरा बन जाता है।किसानों का कहना है कि मक्का सुखाने के लिए उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है। सड़कों पर धूप अच्छी मिलती है और जगह समतल होती है, इसलिए वहीं मक्का सुखाई जाती है। सुविधा की आदत अब समस्या का रूप ले चुकी है।प्रशासन की उदासीनता से बढ़ रही समस्या इस विकट समस्या के बावजूद प्रशासन की चुप्पी चिंता बढ़ा रही है। अफसर न तो विकल्प सुझा रहे हैं और न ही कोई सख्त कदम उठा रहे हैं। नतीजतन, यातायात व्यवस्था प्रभावित हो रही है और दुर्घटनाओं का खतरा हर पल मंडरा रहा है। एक किसान ने बताया कि, मक्का सुखाने के लिए कोई तय स्थान नहीं है, इसलिए मजबूरी में सड़क पर फैला रहे हैं।