ईस्ट इंडिया टाइम्स रिपोर्ट सौरभ अग्रवाल।

फिरोजाबाद । हाथ से मैला उठाना एक अमानवीय प्रथा है लोग अपने हाथों से मानव मल को साफ करते हैं, जो कि, बेहद ही खतरनाक और अपमानजनक होता है। इस प्रथा को समाप्त करने की दिशा में सरकार ने “हाथ से मैला उठाने के लिए व्यक्तियों के नियोजन का प्रतिषेध और उनका पुनर्वास अधिनियम, 2013″ के साथ साथ कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। पुनर्वास अधिनियम, 2013” हाथ से मैला उठाने पर प्रतिबंध लगाता है इसमें शामिल व्यक्तियों, उनके परिवारों के पुनर्वास का प्रावधान करता है। यह अधिनियम प्रभावी ढंग से लागू हो रहा है हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों को पर्याप्त सुरक्षा,समर्थन मिल रहा है या नहीं ? यह जानने के लिए सरकार ने अब तक की गई विशिष्ट कार्यवाही और उठाए गए जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकास) श्रीमती राजमतीए कदमों का विवरण मांगा है।
सरकार द्वारा मांगे गए विवरण में जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकास) श्रीमती राजमती ने शासन को अवगत कराया है मैनुअल स्कैवेंजर्स एवं अस्वच्छ शौचालयों का सर्वेक्षण में मैनुअल शौचालयों का सर्वेक्षण का कार्य भारत सरकार द्वारा प्राप्त करायी गयी गाइड लाइन की अपेक्षानुसार ग्रामीण क्षेत्र में जिला पंचायतराज अधिकारी, शहरी क्षेत्र में नगर आयुक्त नगर निगम एवं अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत एवं सूडा, स्थानीय निकायों की सहायता से कराया जा चुका है सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा प्राप्त करायी गयी सूचना के अनुसार जनपद में हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों की संख्या शून्य है।
यदि त्रुटिवश मैनुअल स्कैवेंजर्स एवं अस्वच्छ शौचालयों का सर्वेक्षण का कार्य करने वाला व्यक्ति जनपद में रह गया है तो, इच्छुक आवेदक, किए गए आवेदन पत्र के साथ आय प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, आधार कार्ड भारत निर्वाचन आयोग द्वारा पहचान पत्र की छायाप्रति मोबाइल नंबर के साथ विकास भवन स्थित कमरा न0 202 (बी) में स्वंय आकर किसी भी कार्य दिवस में सम्पर्क कर योजनान्तर्गत लाभ प्राप्त कर सकता है।
शर्तें।
- आवेदक चिन्हित मैनुअल स्कैवेंजर एवं उनके आश्रित एवं गरीबी की रेखा के नीचे निवास करता हो।
- आवेदक इसी जनपद का निवासी होना चाहिए आवेदन पत्र में दिये गये पते पर निवास करता हो।
- आवेदक का जाति आय प्रमाण पत्र सक्षम अधिकारी से निर्गत हो।