डीएम की अध्यक्षता में हुई जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक, अफसरों को दिए निर्देश
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ईस्ट इंडिया टाइम्स/मेराज अहमद ब्यूरो चीफ
बहराइच 01 अक्टूबर। स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित योजनाओं एवं कार्यक्रमों की समीक्षा हेतु सोमवार को देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला स्वास्थ्य समिति के शासी निकाय की बैठक के दौरान जिलाधिकारी मोनिका रानी ने प्रभारी चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिया कि ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति द्वारा संचालित सभी बैंक खातों को क्रियाशील कराकर आयोजित आयोजित होने वाले वीएचएसएनडी दिवस के लिए मानक के अनुसार लॉजिस्टिक के प्रबन्ध के साथ-साथ अन्य व्यवस्थाएं सुदृढ़ कर मानक के अनुसार गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों चिकित्सा एवं जांच इत्यादि की कार्यवाही सुनिश्चित करें। ताकि आकांक्षी जिले में कुपोषण की समस्या पर अंकुश के साथ-साथ शिशु एवं मातृ मृत्यु दर में और कमी आ सके।
डीएम ने बैठक में मौजूद लीड बैंक प्रबन्धक व क्षेत्रीय प्रबन्धक आर्यावर्त बैंक को निर्देश दिया कि 02 दिवस में बैंक खातों को क्रियाशील कराना सुनिश्चित करें। मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिये गये कि जब तक ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति के खातों में उपलब्ध धनराशि का सदुपयोग नहीं हो जाता है तब तक सम्बन्धित ब्लाक एकाउण्ट मैनेजर व एमओाआईसी का वेतन आहरित न किया जाय। क्षय रोग नियंत्रण अभियान की समीक्षा के दौरान बताया गया कि जनपद में 15 यथा रिसिया का भैंसाही, भैसहा व गुन्दौरा, तेजवापुर का उमरी दहलो व खुजकीपुर, मोतीपुर का विश्वनाथ गांव, नवाबगंज का परिणामपुर, कैसरगंज का जलालपुर बसहिया, विशेश्वरगंज का सुल्ताना माफी, चित्तौरा का बनिहारी, फखरपुर का भदवानी व बहोरवा, जरवल का दूसरा पारा हुजूरपुर का करीडीहा व पयागपुर का परसिया पण्डित ग्राम टी.बी. मुक्त हो गये हैं।डीएम ने प्रयास की सराहना करते हुए निर्देश दिया कि इसी प्रकार अभियान संचालित कर जिले के अन्य ग्रामों को भी टी.बी. मुक्त कराया जाय। डीएम ने निर्देश दिया कि टी.बी. से मुक्त हुए ग्रामों के ग्राम प्रधानों को 02 अक्टूबर को सम्मानित किया जाय ताकि जिले के दूसरे ग्राम प्रधान भी प्रेरित हो सके। सीएचसी एवं पीएचसी द्वारा प्रदान की रही स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा के दौरान डीएम ने निर्देश दिया कि स्वास्थ्य केन्दों पर संचालित पैथालोजी को पूरी क्षमता के साथ संचालित किया जाय। डीएम ने कहा कि लैब में मानक के अनुसार उपकरणों की उपलब्धता तथा उपलब्ध उपकरणों को क्रियाशील रखने के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की जांच में काम आने वाली सामग्री की कमी नहीं होनी चाहिए। डीएम ने कहा कि लैब के क्रियाशील होने से मरीज़ों की जांच कर उन्हें बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जा सकती है।
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