रिपोर्ट मुजीब खान /

शाहजहांपुर : विगत 12 सितंबर को नगर के एक सिरफिरे व्यक्ति द्वारा मुस्लिम धर्म के पैगम्बर और उनकी धार्मिक किताब के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए फेसबुक पर पोस्ट को शेयर किया था। जिसमें पुलिस एवं प्रशासन ने तत्परता के साथ सराहनीय कार्य करते हुए फेसबुक पोस्ट करने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार भी कर लिया मामले में मुस्लिम धर्म के वरिष्ठ लोगों ने लोगों को समझा बुझा शांत भी कर दिया जिसमें सहयोग संस्था के संरक्षक शाहनवाज खान भी पहुंचे उन्होंने लोगो को समझा बुझा कर शहर में अमन कायम रखने की अपील करते हुए कानून का पालन करने की बात कही जिसके कारण एक बड़ी भीड़ अपने घरों को वापस हो गई इस दौरान शाहनवाज खान ने मीडिया को दिए एक इंटव्यू में भी लोगो से कानून का पालन करने और अमन शांति बरकरार रखने की अपील की थी ।
लेकिन दूसरी तरफ शाहनवाज खान की मौजूदगी को उनके विरोधियों द्वारा भीड़ को उकसाने वाला बताना शुरू कर दिया और अपने करीबियों से उनके खिलाफ दुष्प्रचार करने की नीयत से सोशल मीडिया पर उनके लिए अपशब्दों का प्रयोग करते हुए उन्हें दंगाई बताना शुरू कर दिया इस दौरान उनकी एक फोटो भीड़ के साथ भी डालना शुरू कर दी लेकिन जिस फोटो का प्रयोग उनके विरोधियों द्वारा किया जा रहा है उसके साथ जुड़ी वीडियो किसी भी दुष्प्रचार करने वाले नहीं दिखाई जिसमे वह सभी से हाथ जोड़कर शहर के अमन चैन कायम रखने की बात कहते दिख रहे इस दौरान उनके द्वारा साफ तौर पर कहा जा रहा है कि पुलिस द्वारा अपना काम कर दिया है इस लिए सभी लोग कानून पर अपना भरोसा रखे दोषी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
अब महज अपने आपसी मनमुटाव के चलते लोगों से सोशल मीडिया पर एक ऐसे व्यक्ति जिसका दिनरात का काम समाजसेवा है। किसी भी जाती धर्म का व्यक्ति यदि परेशान है तो उसकी मदद करना उनका काम है सभी धर्मों के कार्यक्रमों में उनकी सहभागिता रहती है , जनता के बीच उसको एक विलेन की तरह पेश करके उसकी छवि खराब करने के साथ पुलिस प्रशासन को भी गुमराह करने का प्रयास कहा तक सही है। फिर जो सोशल मीडिया वाले खुलेआम शाहनवाज खान के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहे है उनको न्यायाधीश बनने का अधिकार किसने दिया जब उनकी जनता के साथ अधिकारियों के बीच भी एक अच्छी छवि बनी हुई और उनका कोई भी अपराधिक इतिहास नहीं है। क्या ऐसे दुष्प्रचार करके समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति को छवि को धूमिल करना सही है।
वही शाहनवाज खान ने बताया कि उनके पास हंगामे के दौरान जनता से अपील करने का वीडियो मौजूद है। लेकिन उनको इस तरह बदनाम करना न्यायिक नहीं है। जबकि शहर ही नहीं बल्कि पूरे जनपद के लोग जानते की वह सभी धर्मों के कार्यक्रमों में शामिल होते है सभी धर्मों का सम्मान करते है।

By jamal

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