**(ईस्ट इंडिया टाइम्स राजेन्द्र सिंह धुआँधार)ठठिया/कन्नौज। तिर्वा तहसील के लेखपाल और कानूनगो का अपने अपने क्षेत्रों में काम करने का अलग तरिका होता है। जिसके कारण लेखपाल और कानूनगो हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। ये कब किसकी जमीन खेत किसको नाप कर दे दे ये कोई नहीं जानता है। ये गाटा संख्या और नक्शा कब बदल दे ये कोई नहीं जानता है। ऐसा ही एक खेल कुछ समय पहले ठठिया कस्बे में हुआ था। जहां पर लेखपाल और कानूनगो ने नाले की जमीन को कुछ लोगों को नाप कर दे दिया। जब स्थानीय नागरिकों ने विरोध किया तो लेखपाल और कानूनगो ने नाला की जमीन को दूसरी जगह बता कर रोड़ के किनारे इन लोगों की बिल्डिंग बनवा दिया। जब इस मामले को मिडिया ने सज्ञान में लिया तो उसी बिल्डिंग को इन्ही लेखपाल और कानूनगो ने खड़े होकर बुलडोजर से गिरवाया था। इसी जमीन को ये लेखपाल और कानूनगो कुछ लोगों को नाप कर दे आये थे। ऐसा ही एक और मामला ठठिया थाना क्षेत्र में देखने को मिल रहा है। मौजा जैनपुर के रामनगर निवासी रामऔतार पुत्र बच्चन व इनकी पत्नी रामवती ने उपजिलाधिकारी तिर्वा को एक प्राथनापत्र देते हुए न्याय की गुहार लगाईं है। और कहा है कि रामनगर में मेरी पुस्तैनी जमीन है जिसपर मैं और मेरे पूर्वज काबिजदार है। और जमीन मेरे नाम है और उस जमीन पर मै 50 साल से अधिक समय से खेती कर रहा हूँ। और खतौनी में मेरा नाम दर्ज है। फिर भी जैनपुर ग्रामपंचायत के लेखपाल शोवित कटियार और कानूनगो भगवानदीन शुक्ला ने मेरी भूमि धरी जमीन को किसी दूसरे को नापकर दे दिया है। और नापने के समय मुझे बुलाया भी नहीं गया है। और मेरी खेत की मेड़ को तोड़ कर दूसरे को कब्जा करा दिया गया है। जब हम लेखपाल से मिलने गए तो उन्होंने कहा कि आपकी जमीन दूसरी जगह पर है। उपजिलाधिकारी तिर्वा और तहसीलदार तिर्वा ने किसान को भरोसा दिलाया है कि पूरे प्रकरण की जांच कराया जायेगा।

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