रिपोर्ट सौरभ अग्रवाल।

फिरोजाबाद। वीरांगना झलकारी बाई शोभायात्रा समिति की एक बैठक देवलोक होटल पर सम्पन्न हुई। बैठक में पदाधिकारियों ने कहा कि वीरागंना झलकारी बाई समिति के नाम से जो एनजीओ 2018 में रजिस्टर्ड कराया गया था। इससे शोभायात्रा का कोई संबंध नहीं है। रविंद्र सिंह को 2018 में मतदान प्रक्रिया के द्वारा शोभायात्रा का अध्यक्ष चुना गया। उनके अध्यक्ष बनने के बाद ही एनजीओ को पंजीयन कराया गया। जिसमें केवल सात सदस्य है।
वीरांगना झलकारी बाई शोभायात्रा समिति के पदाधिकारियों का आरोप है कि रविंद्र सिंह पदेन अध्यक्ष रहते हुए मनोज शंखवार और उनके साथियों ने कूट रचित दस्तावेज एवं अधिकारियों को गुमराह करते 17 सितम्बर 2024 को नवीनीकरण करा लिया है। नवीनीकरण की जानकारी प्राप्त होने पर रविंद्र सिंह द्वारा उपनिबंधक फर्म सोसाइटी एवं चिट्स के यहां पत्रावली का विधिवत मुआयना करने के उपरांत लिखित रूप से आपत्ति दर्ज कराई गई है। जिस पर उपनिबंधक ने 12 नवम्बर को मनोज शंखवार को साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए नोटिस जारी किया है। उन्होंने कहा कि मनोज शंखवार ने एनजीओ का नवीनीकरण प्राप्त कर लिया है, वह शोभायात्रा के अध्यक्ष नहीं है। उनकी रसीद पर कहीं भी झलकारी बाई शोभायात्रा समिति रजि. नहीं लिखा गया है। शोभायात्रा समिति के अध्यक्ष बाबूराम निशंक है। कोरी समाज के छह पार्षद में से पांच पार्षद एक तरफ है। 2004 से 2023 तक केवल कोरी समाज द्वारा निर्वाचित अध्यक्ष द्वारा ही शोभायात्रा निकाली गई है, ना कि किसी रजि. सस्था द्वारा। मनोज शंखवार पर प्रभावशाली स्थानीय नेता का संरक्षण प्राप्त है। इस कारण हमें शोभायात्रा निकालने की अनुमति नहीं दी जा रही। इस दौरान रामदास मानव, ऊषा देवी, दिनेश कुमार, अजब सिंह, डाॅ वीपी सिंह, सोनेलाल शंखवार, रविंद्र सिंह, विनोद कुमार, प्रमोद शंखवार, कायम सिंह, अभय प्रताप सिंह, राजेश शंखवार, बलवीर सिंह, अनिल शंखवार आदि मौजूद रहे।

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