जाति और धर्म से पहले देश है- राहुल सहारनपुर।
रिपोर्ट मुनीश उपाध्याय।
बिजनौर/सहारनपुर। जनपद निवासी युवा राहुल भाई अपने युवा साथियों के साथ कंधे से कंधा मिलाते हुए राष्ट्रहित में देश से जात पात की भावना से ऊपर उठकर नो कॉस्ट ऑनली राष्ट्र के मिशन को आगे बढ़ाए जाने का प्रयास कर रहे हैं। इस संबन्ध में राहुल भाई सहारनपुरी ने ईस्ट इंडिया टाइम्स संवाददाता को फोन पर वार्ता के दौरान जानकारी देते हुए बताया गया है, 1947 से पूर्व भारत देश को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त करने वाले प्रत्येक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, देश पर मर मिटने वाले शहीद अपने आप को सबसे पहले भारतीय मानते थे। एक सच्चे भारतीय होने के कारण उनके द्वारा भारत देश को आजादी दिलाई जाने के लिए कठिन संघर्ष किया गया था । भारत के उन महान सपूतों ने अपने शरीरों पर अंग्रेजों की लाठियां और सीने पर अंग्रेजों की गोलियां भी खाई थी। तब जाकर भारत माता को अंग्रेजों की गुलामी से स्वतंत्रता प्राप्त हुई। मुख्य बात यह है कि तत्कालीन स्वतंत्रता प्राप्ति के समय भारत के महान सपूतों के बीच जात-पात की भावना का जहर नहीं था। और यदि था तो केवल और केवल भारतीय होने का गर्व। यदि उस समय स्वतंत्रता प्राप्ति के स्वतंत्रता सेनानियों तथा देश के नौजवानों के बीच जात-पात की भावना होती तो भारत देश किसी भी दशा में स्वतंत्र नहीं हो सकता था। परंतु आज बड़े ही दुर्भाग्य की बात है। आजादी को विरासत में प्राप्त करने के उपरांत देश के कुछ लोगों ने देश में अपना वर्चस्व बढ़ाने एवं सत्ता सुख प्राप्त करने के लालच में देश की आम जनता को जात – पात में बांट कर राजनीति की जा रही है। उन्होंने आगे कहा है भारत में रहने वाले प्रत्येक भारतीय के लिए राष्ट्रहित सर्वोपरि होना चाहिए तथा प्रत्येक भारतीय के हृदय में जाति एवं धर्म से पहले देश हित की भावना होनी चाहिए। प्रत्येक भारतीय के मन में सभी जाति व धर्म के लोगों के प्रति आपसी प्रेम भावना होनी चाहिए। प्रत्येक भारतीय के दिल में एक दूसरे धर्म के प्रति नफरत के स्थान पर सम्मान होना चाहिए। परंतु मेरे प्यारे वतन भारत में यह क्या हो रहा है। भारत में रहने वाला प्रत्येक नागरिक एक भारतीय के स्थान पर जाति से पहचाना जा रहा है। कोई धर्म के नाम पर तो कोई जाति के नाम पर आम जनता को आपस में बांटने का कार्य कर रहा है। यह विचारणीय प्रश्न है कि यदि जात-पात के आधार पर राष्ट्र चलाऐ जाने का कार्य किया जाने लगे। तो क्या सत्ताधारी जात के लोगों का देश में वर्चस्व नहीं बढ़ जाएगा ? और अन्य आम जाति के लोगों के प्रति देश में अत्याचार बढ़ नहीं जाएगा। यदि वर्तमान समय में देश को जात – पात के जहर से बचाते हुए देश को उन्नति में तरक्की एवं खुशहाल देखना है।तो देश से जात व पात की भावना से ऊपर उठकर देश को नो कॉस्ट केवल राष्ट्र के मिशन को आगे बढ़ाते हुए मिशन को सफल बनाना होगा। और यह मिशन तभी सफल होना संभव है जब इसमें भारत के नौजवान राष्ट्र की भावना को हृदय में रखते हुए आगे आयें तथा नो कॉस्ट ओन्ली राष्ट्र के मिशन पर देश को आगे बढ़ाने का कार्य करें।
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