ईस्ट इंडिया टाइम्स ब्यूरो चीफ:आमिर हुसैन


उत्तराखंड
बाजपुर/ उधमसिंह नगर: 16 मई- सीएम पुष्कर सिंह धामी की घोषणा को दो वर्ष बीत जाने के बाद भी बाजपुर को बाढ़ की समस्या से निजात दिलाने के लिए जमीनी स्तर पर कोई भी कार्य न होने से बाजपुरवासियों को फिर से बाढ़ की विभीषिका का डर सताने लगा हैं। बाढ़ आने पर लेबड़ा नदी का पुल नेताओं व अधिकारियों के लिए एक बार पुनः फोटो सेशन का अड्डा बनेगा और बाढ़ की समस्या का स्थाई निदान करने को जमीनी स्तर पर कार्य करने की बजाय नेता व अधिकारी फिर कोरे आश्वासनों की घुट्टी पिलाते दिखाई देगें। यहाँ बता दें कि वर्षाकाल में बाजपुर के व्यापारियों व वाशिंदों को बाढ़ की समस्या से जूझना पड़ता हैं। पूर्व में आई बाढ़ के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, तत्कालीन केन्द्रीय रक्षा पर्यटन राज्यमंत्री व वर्तमान सांसद अजय भट्ट, गदरपुर विधायक अरविन्द पाण्डेय, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, कमिश्नर दीपक रावत, तत्कालीन डीएम उदयराज सिंह इत्यादि ने बाजपुर पहुँचकर बाढ़ की समस्या का स्थाई समाधान करवाने की बात कही थी। सीएम घोषणा के तहत भी बाढ़ संबंधी कई कार्य सम्मिलित किये गये थे। लेकिन अधीनस्थों द्वारा जमीनी स्तर पर कोई भी कार्य न कर बाजपुर वासियों को भगवान भरोसे छोड़ दिया हैं। बाजपुर में आयोजित हुए लाभार्थी सम्पर्क अभियान कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बेरिया रोड़ व ग्राम चकरपुर स्थित लेबड़ा नदी के पुलों का चौड़ीकरण व उच्चीकरण करने की घोषणा भी की थी। दो वर्ष का लंबा समय व्यतीत
हो जाने के बाद भी समस्या ज्यों की त्यों है। वर्तमान डीएम नितिन सिंह भदौरिया ने भी कुर्सी संभालते ही बाजपुर का दौरा कर बाढ़ से निजात का भरोसा दिया था, जिसे शायद वो भी भूलते नजर आ रहे हैं। जिम्मेदारों द्वारा किये जा रहे बेपरवाही भरे कृत्यों से बाजपुरवासियों का पारा सातवें आसमान पर हैं। क्षेत्रवासियों का कहना हैं कि अधिकारी बाजपुर को बाढ़ से बचाने
के बजाय अपनी जेबें भरने में लगे हुए हैं। यहाँ बता दें कि लेबड़ा नदी की तलीझाड़ सफाई कराने तक की जेहमत अभी तक किसी ने नहीं उठाई हैं। सभी फिर से बाढ़ आने और फोटो खिंचवाने के इंतजार में हैं। नेताओं व प्रशासनिक अधिकारियों के बाजपुर की बाढ़ समस्या के प्रति ढ़ुलमुल रवैये से क्षेत्रवासियों में भारी आक्रोश हैं।