आजमगढ़

जिले के बूढ़नपुर तहसील क्षेत्र के सीएचसी कोयलसा के अंतर्गत पड़ने वाले अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र छिड़ी ब्राह्मण से आए दिन डॉक्टर नदारत रहते हैं। स्थानीय लोगों की शिकायत पर मीडिया की टीम स्वास्थ्य केंद्र की पड़ताल करने मौके पर पहुंच गई। अस्पताल पर दवा लेने आए कई लोगों ने बताया कि अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात डॉक्टर अमित साहनी अस्पताल में कभी-कभार आते हैं। अस्पताल फार्मासिस्ट के सहारे चल रहा है। आज अस्पताल से फार्मासिस्ट भी गायब थे। जिस वजह से अस्पताल पर पहुंचे मरीजों को दवा तक नहीं मिल पाई। मीडिया की टीम जब अस्पताल पर पहुंची तो महज दो स्वास्थ्य कर्मी अस्पताल पर मौजूद थे। जिसमें एक वार्ड बॉय थे और दूसरे चौकीदार थे। इन दोनों के अतिरिक्त अस्पताल पर कोई भी कर्मचारी मौजूद नहीं मिला। जबकि अस्पताल में कुल पांच स्वास्थ्य कर्मी तैनात हैं।

अस्पताल में दुर्व्यवस्थाओं का अंबार

पड़ताल के दौरान पूरे अस्पताल परिसर में दुर्व्यवस्थाओं का अंबार दिखा। पूरे अस्पताल परिसर में बड़ी-बड़ी घास फूस उगी थी। कहीं पर भी सफाई नजर नहीं आ रही थी। डॉक्टर के रहने के लिए जो आवास बनवाए गए थे उनमें ताले लगे थे। ऐसा लग रहा था कई महीनों से वह ताले खुले ही नहीं है। इसके अलावा अस्पताल परिसर में ही शौचालय बना हुआ है उसका दरवाजा टूटा हुआ था। अस्पताल में लगी टोटी में पानी नहीं आ रहा था।

संचारी रोग नियंत्रण अभियान फेल

सरकार समय-समय पर संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाती है। जिससे लोगों को रोगों से बचाया जा सके। लेकिन जो अस्पताल लोगों को बीमारियों से बचाने के लिए दवाएं प्रदान करता है वह अस्पताल खुद ही बीमार पड़ गया है क्योंकि अस्पताल में संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत एक भी काम नहीं हुआ और बड़ी-बड़ी घास फूस उगी हुई है। इसके अलावा जगह-जगह पानी भी इकट्ठा हुआ है लेकिन इस पर ध्यान देने के लिए जिम्मेदार तैयार नहीं है।

सवाल यह है कि आखिर डॉक्टर आते क्यों नहीं हैं? जाहिर सी बात है कि डॉक्टर जब नहीं आएंगे तो अस्पताल में अव्यवस्थाएं रहेगी ही।

क्या कहते हैं जिम्मेदार?

इस संबंध में सीएचसी अधीक्षक डॉक्टर देवानंद यादव ने कहा कि मेरे द्वारा अस्पताल का निरीक्षण किया जाएगा और जैसा कि आप लोग बता रहे हैं कि डॉक्टर नहीं आए हैं। यदि यह सही है तो उनका वेतन काटा जाएगा। इस सम्बंध में सीएमओ आजमगढ़ डॉ. एन. आर. वर्मा से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि मेरे द्वारा मामले की जांच कराई जाएगी और यदि डॉक्टर अनुपस्थित रहते हैं तो उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

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