इनायतनगर में लकड़ी माफियाओ का कहर एक दर्जन हरे पेड़ काटे गए, गबाह बनी जड़े
ग्रामीणों में है रोष व्याप्त, हरियाली को उजाड़ने में लगे लकड़ी माफिया
कायमगंज/फर्रुखाबाद
इनायतनगर में एक दर्जन हरे पेड़ काटे गए है। उनकी जड़े इसकी गबाह है।
लकड़ी कटान पर ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। उनका कहना है लकड़ी माफिया हरियाली को उजाड़ने में लगे है। रात के अंधेरे व सुबह तडके यह अवैध कार्य हो रहा है। वन विभाग रहस्मयी मौन बना हुआ है। ग्रामीणों ने कार्रवाई की मांग की है।
क्षेत्र में हरे पेड़ों का कटान बदस्तूर जारी है। इस अवैघ कार्य में शामिल लोग हरियाली उजाड़ने में बाज नहीं आ रहे है। उन्हे किसी का खौफ नहीं है। रात के अंधेरे में इनका यह अवैध धंधा खूब फल फूल रहा है लेकिन वन विभाग आंखे मूंदे है। कायमगंज क्षेत्र में आसानी से ट्रेक्टर से हरी लकड़ी निकलती देखी जा सकती है लेकिन जब वन विभाग ही मेहरवान हो तो कौन क्या कर सकता है। इसको लेकर लोग काफी चिंतित है और वह पर्यावरण के ऊपर पड़ रहे दुष्परिणाम को लेकर गंभीर है। उनका कहना है कि आने वाले समय में यदि इसी तरह पेड़ों का कटान होता रहा तो इस बार की गर्मी से भी अधिक हीट स्ट्रोक बढ़ेगा और तापमान न जाने कितना जाएगा। उनका कहना है कि अभी वन विभाग न चेता तो हरे इलाके बीरान हो जाएगा। सर्वाधिक कटान अचरा रोड, पितौरा से लेकर भटासा रोड, टेड़ीकोन, बरझाला, रायपुर, कटिया व शमसाबाद क्षेत्र में हो रहा है। बीते माह में कई हरे पेड़ों के कटान के मामले वन विभाग के भी संज्ञान में आए थे लेकिन वन विभाग सिर्फ जुर्माना कर उनको चलता कर देता है। इस अवैध कार्य में लगे लोग भी जानते है ज्यादा से ज्यादा जुर्माना ही होगा। इसलिए उनमें खौफ नहीं है। लेकिन लोगो का कहना है वन विभाग को इस मामले में गंभीर रुख अपनाना होगा तभी अवैध हरे पेड़ों के कटान पर अंकुश लगाया जा सकता है। इनायत नगर में अवैध कटान का ताजा मामला फिर सामने आया है। गांव के लोग अवैध कटान से चिंतित है। आम के चार बाग में आम व नीम के करीब एक दर्जन से अधिक पेड़ो का कटान हुआ है। उसकी जड़े गबाह है। इस क्षेत्र में दिन में भी अवैध हरे पेड़ों का कटान जारी है लेकिन वन विभाग आंखे मूदे है। लोगो का कहना है उसकी रहस्मयी भूमिका आखिरकार किस ओर इशारा कर रही है। ग्रामीणों ने कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीण कहते है जहां बरसात के सीजन में हर जगह शासन पौधे रोपित करने के लिए पुरजोर कोशिश में लगा है लेकिन यह अवैघ कार्य करने वाले लोग बरसात में ही हरियाली को उजाड़ रहे है। उनका कहना है एक पौधे को रोपित करने के बाद उसे पेड़ बनने में कितने साल लग जाते है। उसकी परविश में कितनी मेहनत होती है लेकिन शायद यह लकड़ी माफिया इस ओर ध्यान भी नहीं देते होगे और अपनी जेबे भर रहे है। इस संबंध में वन विभाग दरोगा शेवेंद्र तोमर ने बताया उन्हे संज्ञान में मामला नहीं आया है। फिर भी वह जानकारी कर मौके पर पहुंच कर जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।
