पूर्व से ही कोयला मंत्रालय में चल रही जांच।

दैनिक ईस्ट इंडिया टाइम्स- मनोज कुमार सोनी ब्यूरो रिपोर्ट

सोनभद्र शक्तिनगर। एनसीएल खड़िया परियोजना के खदान में आउटसोर्सिंग के माध्यम से ओवी हटाने का कार्य कर रही कलिंगा कंपनी द्वारा मोटी रकम कमाने को लेकर डीजल कमर्शियल डीजल के बजाय पब्लिकी डीजल का प्रयोग किया जा रहा है जिसमें राजस्व को करोड़ों का चूना लगाया जा रहा है।और ऐसे में कई हजार पब्लिकी डीजल को खपत करते हुए मोटा मुनाफा कमाने में जुटी हुई है। बता दे कि केंद्र सरकार द्वारा व्यवसाय में प्रयोग होने वाले कमर्शियल डीजल की कीमत पब्लिकी से अधिक है। ऐसे में कंपनी द्वारा पब्लिक डीजल का प्रयोग कर जहां एक तरफ कंपनी के कई अधिकारी और कर्मचारी सारे नियम कानून को ताख पर रखकर मोटी रकम कमाने में जुटे है तो वही दूसरी तरफ पब्लिक के हक पर भी डाका डाल रहे है। इस पूरे खेल में एनसीएल खड़िया परियोजना के कई बड़े अधिकारी से लेकर खदान सेफ्टी कर्मचारी की मिली भगत का हिस्सा सूत्रों द्वारा बताया जा रहाहै। पहले से ही कोयला मंत्रालय में पहुंच चुका है कंपनी का काला चिट्ठा।
बता दे की कंपनी में ओवी हटाने के लिए लगाई गई हैवी मशीनों को लेकर की जा रही गड़बड़ी समेत अन्य राज्यों में पंजीकृत हेवी मशीन और क्षमता भार वहन के डंपरों को बिना परमिट का खेल रचकर केंद्र और राज्य सरकार को चूना लगा रहे है। जिसका पूरा खेल अब कोयला मंत्रालय में पहुंच चुका है। जिसकी जांच केंद्रीय कोयला वह खान मंत्री द्वारा इकोनामी एडवाइजर दो मानिकचंद पंडित को सौंपा गया है।आगे आपको यह भी बताएंगे कि कंपनी में ओवरलोड सहित बगैर परमिट की हैवी गाड़ियां चल रही है सेफ्टी को ताख पर रखकर शेष अगले अंक में मनोज सोनी की खास रिपोर्ट।

By jamal

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