ईस्ट इंडिया टाइम्स रिपोर्ट विरेन्द्र तोमर।

बिनौली/बागपत/माखर गांव की गलियों में जलभराव व गंदगी को बयां करते सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे हैं। पूर्व में राष्ट्रपति द्वारा दिए गए निर्मल ग्राम सम्मान पर भी सवाल खड़े किए गए हैं।
माखर गांव को वर्ष 2008 में राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल द्वारा उस समय ग्राम प्रधान रहे अजीत सिंह को निर्मल ग्राम पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, इस समय वही गांव बदहाल है। यह गांव लचर सफाई व्यवस्था और गंदगी के ढेर तले कराह रहा है। गलियों में गंदा पानी भरा है, महिलाएं व बच्चे रोज़ाना इस नारकीय स्थिति से गुजरने को मजबूर हैं। गांव में व्याप्त गंदगी से संक्रामक बीमारियों के पनपने का खतरा बना हुआ है।स्वच्छ भारत अभियान के सपने को भी बदहाल हालात शर्मसार कर रहे हैं। सोशल मीडिया फेसबुक व इंस्टाग्राम पर गांव के युवा मोहित सोलंकी द्वारा की बदहाली को बयां करती पोस्ट में जिला प्रशासन और संबंधित अधिकारियों से गांव की सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने, गांव के सम्मान को फिर से बहाल करने की भी मांग की है। यह पोस्ट कई अन्य ने भी शेयर की है। बीडीओ नरेंद्र सिंह का कहना था गांव की समस्या का जल्द समाधान कराया जाएगा।