ईस्ट इंडिया टाइम्स रिपोर्ट सुनील कुमार

जी आपको बताते चलते हैं
के पक्के मकान क्यों नहीं, 6 महीने से न्याय के लिए धरने पर बैठी शैल कुमारी ने प्रशासन पर पक्षपात का लगाया आरोप
बाराबंकी, यूपी।रामनगर तहसील के ग्राम अछैछा की रहने वाली शैल कुमारी पिछले छह महीने से बाराबंकी के गन्ना दफ्तर के बाहर धरने पर बैठी न्याय की गुहार लगा रही हैं। उनका आरोप है कि प्रशासन ने पक्षपातपूर्ण कार्रवाई करते हुए केवल उन्हीं का छप्पर और उनके रिश्तेदार ऋषि कुमार का सरकारी कैटल शेड जेसीबी से गिरा दिया, जबकि उसी जमीन पर अन्य लोगों के पक्के निर्माण आज भी जस के तस खड़े हैं मामला थाना जहांगीराबाद के ग्राम अछैछा का है, जहाँ गाटा संख्या 1000 और 1001 खलिहान और घूर गड्डा के रूप में दर्ज है। इन सरकारी जमीनों पर कई ग्रामीण वर्षों से कब्जा किए हुए हैं। पीड़िता शैल कुमारी, भी उन्हीं के से एक है, जो पिछले 15 वर्षों से अपने मायके में रह रही हैं, अपने बेटे के साथ इसी भूमि पर छप्पर डालकर गुजारा कर रही थीं।मिली जानकारी के अनुसार, 3 फरवरी 2025 को नायब तहसीलदार, कानूनगो और लेखपाल की मौजूदगी में प्रशासन ने शैल कुमारी का छप्पर और ऋषि कुमार का पशु शेड गिरा दिया। उस समय शैल कुमारी ने अधिकारियों से गुहार लगाई थी कि उनके पास रहने का कोई और ठिकाना नहीं है, लेकिन आरोप है कि विपक्षी पक्ष के दबाव में आकर कार्रवाई की गई और अन्य कब्जेदारों के पक्के निर्माणों को प्रशासन ने छुआ तक नहीं।इस कथित पक्षपातपूर्ण कार्रवाई के विरोध में शैल कुमारी 4 फरवरी 2025 से लगातार धरने पर बैठी हैं, लेकिन अब तक उन्हें कोई राहत नहीं मिली है। पीड़िता ने अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आवास और न्याय की गुहार लगाई है। अब देखना होगा कि सीएम से गुहार के बाद गूंगा बहरा सिस्टम शैल कुमारी को न्याय दिला पाता है या नहीं?